69000 Teacher Recruitment Case: सुप्रीम कोर्ट में नौ सितम्बर को होगी सुनवाई, 7 सितंबर को सीएम से मिलेंगे अभ्यर्थी

69000 Teacher Recruitment Case : उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में चयनित अभ्यर्थियों ने सेवा सुरक्षा आदि की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई होगी।

Report :  Rajnish Verma
Update:2024-09-05 22:24 IST

69000 Teacher Recruitment Case : उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं, चयनित अभ्यर्थियों ने सेवा सुरक्षा आदि की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई होगी। 

उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती मामले में चयनित अभ्यर्थियों रवि सक्सेना आदि ने अपनी सेवा सुरक्षा आदि को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक दायिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नौ सितंबर को सुनवाई होगी। यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ करेगी। सामान्य वर्ग के एक अभ्यर्थी ने बताया कि इसी प्रकरण को लेकर कई अलग-अलग याचिकाएं दायर हुई हैं, उन्हें उम्मीद है कि नौ सितंबर को सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो सकती है। इसके आरक्षण का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि एक ही भर्ती में कई बार आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है।

सीएम से 7 सितंबर को हो सकती है मुलाकात

वहीं, भर्ती मामले हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के आदेश के बाद से अभ्यर्थी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि कोर्ट के आदेशों को पालन करते हुए उन्हें जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आवास भी घेराव किया था। इसके बाद मंत्री ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की थी। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याओं को सुनते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन दिया था। अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल अब सात सितंबर को मुलाकात कर सकता है। इसके लिए उन्होंने पांच अभ्यर्थियों के नाम भी मांगे थे। 

ये है मामला

बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मूल चयन सूची को रद्द कर दी थी और सरकार से तीन माह के अंदर नई सूची जारी करने का आदेश दिया था। इसके साथ आदेश में कहा गया था कि आरक्षण के नियमों सही तरीके से पालन किया जाए। कोर्ट के इसी आदेश का पालन कराने के लिए अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं।

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