70 सीटें, 48 विधायक मगर मंत्री केवल 7! दिल्ली कैबिनेट की इकाई में क्यों है गिनती? जानिए वजह
Delhi Cabinet: सीएम की रेस में आगे चल रहे तमाम नामों को पीछे छोड़कर रेखा गुप्ता ने दिल्ली की कुर्सी अपने नाम कर ली है। रेखा गुप्ता के साथ छह अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।;
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Delhi cabinet: 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 12 दिन बाद आज रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। बीती शाम दिल्ली में हुई विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। रेखा गुप्ता ने सीएम की रेस में आगे चल रहे तमाम नामों को पीछे छोड़ दिया। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा ने राज्य को चौथी महिला मुख्यमंत्री दिया है। इससे पहले आतिशी, शीला दीक्षीत और सुषमा स्वराज दिल्ली की महिला सीएम रह चुकी हैं। सीएम के साथ ही छह विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। मगर 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में अन्य राज्यों के मुकाबले मंत्रियों की संख्या इकाई में ही क्यों रह जाती है? Newstrack की इस रिपोर्ट में जानिए इसके पीछे का कारण।
इस वजह से कम है मंत्रियों की संख्या
भाजपा ने दिल्ली में 48 सीटों पर जीत हासिल की है। मगर सीएम सहित कैबिनेट की गिनती महज सात लोगों की है। इससे पहले आम आदमी पार्टी की सरकार में भी मंत्रियों की संख्या इतनी ही थी। जबकि आप की सीटें भाजपा से ज्यादा थीं। मंत्रियों की यह संख्या अन्य राज्यों के तुलना में बहुत कम है। इसका प्रमुख कारण यह है कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है।
केवल इतने विधायक ही बन सकते हैं मंत्री
जानकारी के मुताबिक एक प्रदेश में मंत्रियों की संख्या विधानसभा सीटों के अनुसार होती है। किसी भी राज्य में विधानसभा सीटों के 15 फीसदी विधायक ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। यानी अगर किसी प्रदेश में 100 विधानसभा सीटें हैं तो केवल 15 ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। मगर दिल्ली में यह फार्मूला काम नहीं करता। केंद्र शासित राज्य होने के कारण दिल्ली में मौजूदा विधानसभा सीटों के अनुसार केवल 10 फीसदी विधायक ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। 70 विधानसभा सीटों का 10 फीसदी केवल सात हुआ। यही कारण है कि दिल्ली में सीएम सहित मंत्रियों की संख्या केवल सात है।
इन्हें बनाया गया मंत्री
दिल्ली चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से ही मुख्यमंत्री के साथ मंत्रियों के नामों की चर्चा भी तेज हो गई थी। आज 50 वर्षीय रेखा गुप्ता ने छह अन्य मंत्रियों के साथ पद की शपथ ली। इनमें प्रवेश साहिब सिंह, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा, रविंदर राज और पंकज सिंह शामिल हैं। इन नामों से भाजपा ने दिल्ली में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है।