भारतीय संविधान के 70 साल पूरे, आज ही मिली थी लोगों को अलग पहचान
आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मानने का एक मात्र बड़ा कारण देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है। दरअसल यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था।
नई दिल्ली: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस या संवत् दिवस मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल, 1949 में इसी दिन भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मानने का एक मात्र बड़ा कारण देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है। दरअसल यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी। इस वजह से इस दिन को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाता है।
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संविधान दिवस की शुरुआत
2015 में बी आर अंबेडकर की 125 वीं जयंती थी। इसी अवसर पर 11 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुंबई में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी की आधारशिला रखते हुए हर साल संविधान दिवस मनाने घोषणा की गई थी। इसके बाद 19 नवंबर 2015 को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी की थी।
संविधान दिवस का महत्व
डॉ. बी आर अम्बेडकर को 29 अगस्त, 1947 को संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। वह भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाले व्यक्ति थे। संविधान भारत सरकार के लिखित सिद्धांतों और उदाहरणों का एक समूह है जो मूलभूत राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, अधिकारों, निर्देश सिद्धांतों, प्रतिबंधों और सरकार और देश के नागरिकों के कर्तव्यों को पूरा करता है। यह भारत को एक संप्रभु, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है और अपने नागरिकों की समानता, स्वतंत्रता और न्याय का आश्वासन देता है।
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कुछ खास बातें
- विश्व में भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान लागू होने के समय इसमें 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे, जो वर्तमान में बढ़कर 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो गए हैं।
- यह हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था।
- जब भारतीय संविधान अस्तित्व में आया तब जा कर भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला।
- हमारे संविधान में अन्य देशों से कई विचारों को शामिल किया है। संविधान की प्रस्तावना अमेरिका के संविधान से ली गई है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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