सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा: ये फैसला लेने जा रही सरकार, बढ़ेगी बंपर सैलरी
केंद्र सरकार आगामी 21 अक्टूबर को बड़ा फैसला ले सकती है। सरकार के इस उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार वर्ष में बदलाव करने की संभावना है। इस संबंध में सरकार की तरफ से डिटेल जानकारी जारी हो सकता है।
नई दिल्ली: लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत जरूरी खबर है। सरकार महंगाई भत्ता (DA) पर बड़ा फैसला ले सकती है। केंद्र सरकार कर्माचारियों की सैलरी बढ़ा सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी CPI-IW के बेस ईयर यानी आधार वर्ष में बदलाव कर सकती है। अगर सरकार इस आधार वर्ष को 2016 करती है तो कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में इजाफा होना तय माना जा रहा है। इस बड़े बदलाव से देश के 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा।
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले 21 अक्टूबर को बड़ा फैसला ले सकती है। सरकार के इस उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार वर्ष में बदलाव करने की संभावना है। इस संबंध में सरकार की तरफ से डिटेल जानकारी जारी हो सकता है।
इस वर्ष के शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने डीए के भुगतान को मंजूरी दी थी और प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही थी, लेकिन मार्च में कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था। इस दौरान सरकार ने डीए के भुगतान पर रोक लगा दी। सरकार की ओर से यह रोक वर्ष 2021 तक जारी रहेगी। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान हो रहा है।
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21 अक्टूबर का इंतजार
केंद्रीय कर्मचारियों को अब 21 अक्टूबर का इंतजार है कि सरकार क्या फैसला लेती है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार इस दिन नया CPI-IW सीपीआई-आईडब्ल्यू सूचकांक जारी कर सकते हैं। अगर सरकार इसमें बदलाव करती है, तो कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी तय है। वेतन एवं डीए का आकलन इस सीपीआई-आईडब्ल्यू पर ही आधारित होता है। अगर इसके आधार वर्ष में बदलाव होता है तो सीधा महंगाई भत्ते पर असर होता है। संभावना जताई जा रही है कि सीपीआई-आईडब्ल्यू के आधार वर्ष को बदलने से निजी क्षेत्र के कामगारों के न्यूनतम वेतन में भी इजाफा होगा।
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जानिए क्या होता है उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक महत्वपूर्ण मापदंड होता है। इसका इस्तेमाल सेवाओं एवं वस्तुओं की एवरेज वैल्यू यानी औसत मूल्य के माप के लिए होता है। वस्तुओं एवं सेवाओं के एक स्टैंडर्ड ग्रुप की औसत मूल्य की गणना कर इसका कैल्क्युलेशन होता है। इसका इस्तेमाल अर्थव्यवस्था में खुदरा मुद्रास्फीति का आकलन करने एवं कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की गणना के लिए भी किया जाता है।
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