IBM का अध्ययन: भारत में 90 फीसदी स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद

नवाचार और वित्त की कमी के कारण भारत के 90 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप पहले 5 सालों में ही बंद हो जाते हैं। सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आईबीएम ने एक अध्ययन में बुधवार (17 मई) को यह जानकारी दी।

Update: 2017-05-18 08:09 GMT

नई दिल्ली : नवाचार और वित्त की कमी के कारण भारत के 90 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप पहले 5 सालों में ही बंद हो जाते हैं। सॉफ्टवेयर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आईबीएम ने एक अध्ययन में बुधवार (17 मई) को यह जानकारी दी।

इसमें बताया गया कि देश के स्टार्टअप को शुरुआत और बंद करने के दौरान दोनों ही चरणों में वित्त की कमी से जूझना पड़ता है, जबकि दुनिया की सफल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में ऐसा नहीं होता और उन्हें निवेशक समुदाय से हर कदम पर समर्थन मिलता है।

सामाजिक समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत

आईबीएम भारत/दक्षिण एशिया के मुख्य डिजिटल अधिकारी निपुन मेहरोत्रा ने एक बयान में कहा, 'हमारा मानना है कि स्टार्टअप को स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, शिक्षा, परिवहन, वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन और अन्य सामाजिक समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है, जो कि उन मुद्दों से निपटने में मदद करेगी, जिसका भारत समेत पुरी दुनिया सामना कर रही है।'

बदलते समय में आ सकती है तेजी

भारत के 76 फीसदी से भी अधिक अधिकारियों ने देश की अर्थव्यवस्था में खुलेपन को आर्थिक लाभ के रूप में देखा, जबकि 60 फीसदी ने कुशल श्रमिकों की पहचान की और 57 फीसदी अधिकारियों का कहना था कि बड़ा घरेलू बाजार होने के महत्वपूर्ण फायदे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी औद्योगिक लीडर्स का मानना है कि बदलते समय में स्टार्टअप में तेजी आ सकती है।

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