Mumbai Airport: एयरपोर्ट के बाहर मौजूद आवारा कुत्तों को दिया गया ‘आधार’ कार्ड, जानें इस कवायद के पीछे की वजह

Mumbai Airport: छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मुंबई पर आवारा कुत्तों को पहचान पत्र दिया गया था, जो बिल्कुल आधार कार्ड जैसा था। ये उनके गले में लटके हुए थे, इसमें एक क्यूआर कोड भी था। जिसे स्कैन करने पर कुत्ते के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाती थी।

Update:2023-07-16 10:51 IST
Aadhaar Card Given to Stray Dogs Outside Mumbai Airport (Photo: Social Media)

Mumbai Airport: आपके पास आधार कार्ड तो जरूर होगा, जो आज तमाम सरकारी कामों के साथ-साथ निजी कामों में भी जरूरी हो गया है। आपकी पहचान का यह सबसे अहम दस्तावेज बन गया है, जिसके बिना चलना मुश्किल है। लेकिन क्या आपने कभी जानवरों के आधार कार्ड के बारे में सुना है। सुनने में ये थोड़ा अजीब जरूर है मगर ये हकीकत है। अब आवारा जानवारों के भी आधार कार्ड बन रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका आजकल अपनी एक ऐसी ही कवायद को लेकर चर्चाओं में है।

दरअसल, शनिवार को जब देश के सबसे व्यस्तम हवाई अड्डों में शुमार छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मुंबई पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की नजर जब वहां भटक रहे आवारा कुत्तों पर पड़ी तो वे दंग रह गए। इन आवारा कुत्तों को पहचान पत्र दिया गया था, जो बिल्कुल आधार कार्ड जैसा था। ये उनके गले में लटके हुए थे, इसमें एक क्यूआर कोड भी था। जिसे स्कैन करने पर कुत्ते के बारे में सारी जानकारी सामने आ जाती थी। मसलन उसका नाम, टीकाकरण, नसबंदी और मेडिकल नगेट्स।

पहले 20 कुत्तों का बना आधार कार्ड

बीएमसी ने एयरपोर्ट के बाहर भटकने वाले करीब 20 कुत्तों के एक झुंड को आधार कार्ड पहनाया। इन कुत्तों का टीकाकरण भी हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक, इसके जरिए बीएमसी शहर में मौजूद आवारा जानवारों का डेटाबेस तैयार कर रही है। ताकि समय – समय पर उनका टीकाकरण और नसबंदी कराया जा सके। आवारा कुत्तों से देश के कई शहर परेशान हैं। आवारा कुत्तों के साथ-साथ पालतू कुत्तों को भी क्यूआर कोड वाला आधार कार्ड दिया जा रहा है। कई बार ऐसा होता है कि पालतू कुत्ते कहीं भटक जाते हैं। क्यूआर कोड के जरिए कुत्ते को परिवार से दोबारा मिलाया जा सकता है।

बता दें कि मुंबई में आवारा कुत्तों पर नजर रखने के लिए क्यूआर कोड वाला कॉलर उन्हें पहनाने की कवायद अक्षय रिडलान नामक शख्स ने शुरू की थी। पेशे से इंजीनियर अक्षय एक डॉल लवर हैं और उन्होंने ही क्यूआर कोड वाला कॉवर विकसित किया है।

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