'मनीष सिसोदिया को खूंखार कैदियों के साथ रखा', AAP के आरोप पर जेल अधिकारी ने कहा- आरोप निराधार, वो सुरक्षित हैं
Manish Sisodia News: जेल अधिकारी ने AAP के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने इसे निराधार बताया। जेल अधिकारी ने कहा, सिसोदिया को उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग वार्ड मिला है।
Manish Sisodia News: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। उन्हें तिहाड़ जेल (Manish Sisodia Tihar Jail) में रखा गया है। जेल में सिसोदिया की सुरक्षा को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) बीजेपी पर हमलावर है। AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने बुधवार (08 मार्च) को आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया को तिहाड़ जेल में खूंखार कैदियों के साथ रखा गया है।
इसी मुद्दे पर AAP सांसद सदस्य संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया की हत्या हो सकती है। ऐसा उन्हें अंदेशा है। जिसके बाद सियासत गरमा गई है। अब जेल अधिकारी ने इस मसले पर जवाब दिया है। जेल अधिकारी बोले, 'वो (मनीष सिसोदिया) बिल्कुल सुरक्षित हैं।'
'सिसोदिया के वार्ड में कोई गैंगस्टर नहीं'
ख़बरों की मानें तो तिहाड़ जेल के अधिकारी ने AAP के आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि 'मनीष सिसोदिया को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर अलग वार्ड सौंपा दिया गया है। सीजे-1 के जिस वार्ड में वह बंद हैं, वहां कम से कम ऐसे कैदी हैं, जो गैंगस्टर नहीं हैं। उन्होंने कहा, जेल के भीतर अच्छा आचरण कर रहे हैं। AAP नेता की सुरक्षा के लिए जेल नियमों के अनुसार सभी प्रबंध किए गए हैं।'
संजय सिंह- सिसोदिया को खूंखार कैदियों के बीच रखा गया
इससे पहले, AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh, AAP) ने आरोप लगाया था कि 'तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया की जान को खतरा (Sisodia Life in Danger ) है। संजय सिंह ने सिसोदिया की हत्या की आशंका जताई। इतना ही नहीं, ये भी आरोप लगाए थे कि जेल में AAP नेता को खूंखार कैदियों के बीच रखा गया है।'
विपश्यना प्रकोष्ठ में रखने की मिली थी अनुमति
वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मनीष सिसोदिया को जेल के विपश्यना प्रकोष्ठ में रखने का अनुरोध किया गया था। जिसकी मंजूरी अदालत ने दी थी। मगर, उन्हें जेल संख्या- एक में अन्य अपराधियों के साथ रखा जा रहा है। केंद्र सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।'