किसानों के समर्थन में इस बड़े नेता का विधायक पद से इस्तीफा, हरियाणा में बढ़ी हलचल

अभय चौटाला ने कृषि कानूनों के विरोध और किसानों का समर्थन में विधानसभा से इस्तीफा दिया है। अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के पक्ष में घोषणा की थी कि अगर 26 जनवरी तक अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।

Update:2021-01-27 17:53 IST
हरियाणा में सियासी पारा बढ़ गया है। इंडियन नेशनल लोक दल(आईएनएलडी) के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।

चंडीगढ़: देश में कृषि कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब इस बीच हरियाणा में सियासी पारा बढ़ गया है। इंडियन नेशनल लोक दल(आईएनएलडी) के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, चौटाला का इस्तीफा स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक अभय चौटाला ने कृषि कानूनों के विरोध और किसानों का समर्थन में विधानसभा से इस्तीफा दिया है। अभय चौटाला ने किसान आंदोलन के पक्ष में घोषणा की थी कि अगर 26 जनवरी तक अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।

कुर्सी नहीं देश का किसान खुशहाल चाहिए

चौटाला ने कहा था कि मुझे कुर्सी नहीं मेरे देश का किसान खुशहाल चाहिए। सरकार द्वारा लागू इन काले कानूनों के खिलाफ मेने अपना इस्तीफा अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच हस्ताक्षर कर किसानों को सौंपने का फैंसला लिया है। उम्मीद करता हूं देश का हर किसान पुत्र राजनीति से ऊपर उठकर किसानों के साथ आएग।

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बता दें कि अभय चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल के पोते हैं और ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला जेल चले गए जिसके बाद बड़े बेटे के पुत्र अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला अलग हो गए और अपनी जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली।

हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी का बीजेपी के साथ गठबंधन है और दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री हैं। आईएनएलडी का का नेतृत्व अब अभय चौटाला ही कर रहे हैं। वह हरियाणा की ऐलनाबाद सीट से विधायक थे।

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अपने दादा को किया याद

अभय चौटाला ने इस्तीफा देने के बाद अपने दादा देवीलाल को याद किया। अभय चौटाला ने कहा कि मेरी रगों में ताऊ देवीलाल का खून है। चौटाला ने कहा कि देवीलाल ने हमेशा किसानों, कमजोर वर्ग और मजदूरों के हितों की राजनीति की। उनके लिए कुर्सी को हमेशा लात मार दी। प्रधानमंत्री जैसा पद त्याग दिया। मैं तो सिर्फ विधायक से इस्तीफा दे रहा हूं।

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