रिलाएंस जियो: छह हफ्तों में छठा बड़ा निवेश, अब ये विदेशी कंपनी खरीदेगी हिस्सेदारी
जियो में लगातार बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं। आबू धाबी की इस कंपनी का जियो में निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स में पिछले छह हफ्तों में छठां बड़ा विदेशी निवेश है।
ये कोरोना काल और लॉकडाउन के संकट के समय कई औद्योगिक कंपनियों को काफी नुकसान और घाटा हो रहा है। लेकिन भारत की सबसे प्रमुख कंपनी रिलाएंस ने इस बीच कई कंपनियों से समझौता किया है। इसी क्रम में अब एक और विदेशी कंपनी रिलाएंस के जियो प्लेटफॉर्म में निवेश करने जा रही है। जानकारी के अनुसार अबू धाबी की मुबाडाला इंवेस्टमेंट कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 9,093.60 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है और यह 1.85 फीसदी की हिस्सेदारी खरीद लेगी।
जियो में छः हफ़्तों में छठा बड़ा निवेश
रिलाएंस जियो में लगातार बड़ी कंपनियां निवेश करती जा रही हैं। आबू धाबी की इस बड़ी कंपनी का जियो में निवेश जियो प्लेटफॉर्म्स में पिछले छह हफ्तों में छठां बड़ा विदेशी निवेश है। वहीं इस निवेश पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए रिलाएंस जियो के चेयरमैं और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा, '' मुबाडाला और जियो के एक साथ काम करने पर दुनिया में भारत निश्चित तौर पर सबसे बड़ा डिजिटल देश बनने की राह पर चल रहा है।'' मुकेश अंबानी ने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा कि उन्होंने अबू धाबी के साथ अपने लंबे समय के संबंधों के जरिए व्यक्तिगत रूप से मुबाडाला के काम के प्रभाव को देखा है।
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उनका कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कंपनी को मुबाडाला के अनुभव से फायदा होगा। गौरतलब है कि जियो प्लेटफॉर्म में लगातार बड़ी विदेसही कम्पनियां निवेश कर रहीं हैं। आबू धाबी की मुबाडाला इंवेस्टमेंट कंपनी से पहले केकेआर, फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा, जनरल अटलांटिक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया था। इन पांचों कंपनियों ने संयुक्त रूप से कुल 78,562 करोड़ रुपये का निवेश किया था। अब मुबाडाला के नौ हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश के बाद निवेश की कुल निवेश 87,655 करोड़ रुपये की हो गई है।
भारत के डिजिटल विकास के लिए प्रतिबद्ध- प्रबंध निदेशक मुबाडाला इन्वेस्टमेंट
वहीं रिलाएंस जियो के साथ हुई इस डील पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए मुबाडाला इन्वेस्टमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और ग्रुप सीईओ खलादून अल मुबारक ने कहा कि उनकी कंपनी उच्च विकास वाली कंपनियों के साथ काम करने और उनमें निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि कैसे जियो ने भारत में संचार और कनेक्टिविटी को पहले से बदल दिया है। सीईओ खलादून अल मुबारक ने आगे कहा कि एक निवेशक और भागीदार के तौर पर हम भारत की डिजिटल विकास यात्रा का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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जियो के निवेशकों और भागीदारों के नेटवर्क के साथ हमें विश्वास है कि कंपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाएगी। हिस्सेदारी बेचने से मार्च 2021 तक रिलांयस पहली कंपनी बन जाएगी जिस पर कोई ऋण नहीं होगा। वहीं बीते मार्च तक रिलायंस कंपनी का कुल ऋण 1.61 लाख करोड़ रुपये था।