नई दिल्ली : भाजपा संरक्षक लाल कृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने को उनकी 'शिष्टता व सद्भाव' बताया और कहा कि देश के समसामयिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना है। आडवाणी ने यहां एक बयान में कहा, "बीते गुरुवार को मुखर्जी का राष्ट्रीय स्वंयसेववक संघ मुख्यालय का दौरा और भारतीय राष्ट्रवाद के महान विचार व आदर्शो का उनका ज्ञानवर्धक प्रदर्शन हमारे देश के समकालीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है।"
आडवाणी ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को स्वंयसेवकों को संबोधित करने के लिए निमंत्रण देने के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की भी प्रशंसा की। स्वंयसेवकों ने इस साल अपने प्रशिक्षण का तीन साल पूरा किया है।
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भाजपा नेता ने कहा, "हम मुखर्जी को उनकी शिष्टता व सद्भाव के साथ निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए हार्दिक बधाई देते हैं।"
आडवाणी की यह टिप्पणी प्रणब मुखर्जी के नागपुर में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के एक दिन बाद आई है। पूर्व राष्ट्रपति के आरएसएस के आमंत्रण को स्वीकारने के लिए कई कांग्रेस नेताओं व उनकी बेटी की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी है।
आडवाणी ने कहा, "दोनों नेताओं द्वारा व्यक्त किए गए विचारों में एक खास सामंजस्य व जीवंतता दिखती है। दोनों ने भारत की आवश्यक एकता को उजागर किया, जो धार्मिक बहुलवाद सहित सभी विविधताओं को स्वीकारते हैं और सम्मान करते हैं।"
आडवाणी गुजरात के गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं।
उन्होंने अपने को आरएसएस का आजीवन स्वंयसेवक बताया।
उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि दोनों राष्ट्रीय नेताओं ने वास्तव में विचारधारा की संबद्धताओं व मतभेदों से परे एक सराहनीय उदाहरण पेश किया है।"
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मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए आडवाणी ने कहा, "मुझे संसद में और बाहर प्रणव बाबू को जानने और मिलकर साथ काम करने का आनंद व विशेष अवसर मिला है।"
भाजपा नेता ने कहा, "उनका अपना चिंतनशील स्वभाव, लंबा व विविध सार्वजनिक जीवन साथ मिलकर उन्हें राजनेता बनाता है, जो संवाद की जरूरत व विभिन्न विचारों व राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के बीच सहयोग पर दृढ़ विश्वास करते हैं।"
लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे आडवाणी ने संवाद की भावना के साथ आरएसएस प्रमुख के देश के विभिन्न तबकों तक पहुंचने के प्रयासों व विस्तार पर अपनी प्रसन्नता प्रकट की।