नोटबंदी के साथ ही आयात-निर्यात प्रकिया पूरी तरह पेपरलेस करने की तैयारी में सरकार

Update: 2016-11-30 10:01 GMT

नई दिल्ली: नोटबंदी के साथ ही मोदी सरकार ने कस्टम विभाग के अधीन आयात-निर्यात की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने की प्रकिया आरंभ कर दी है। हालांकि इसकी पूरी स्क्रिप्ट डेढ़-दो साल से तैयार की जा रही थी लेकिन अब सरकार ने व्यापार आसान बनाने की प्रकिया के तहत कस्टम क्लीयरेंस को 'पेपरलेस' करने का बड़ा काम हाथ में लिया है।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डिरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) की इस पहल के बाद अब निर्यातकों को जीएआर 7 फॉर्म, टीआर 6 चालान, ट्रांस-शिपमेंट परमिट (टीपी), शिपिंग बिल, एक्सचेंज कंट्रोल कॉपी और बैंकों के लिए बिल एंट्री एक्सचेंज कंट्रोल कॉपी, बैंकों के लिए डीजीएफटी कस्टम पोर्ट आदि पेश करने से मुक्त कर दिया जाएगा।

मनमानी पर लगेगा अंकुश

सीबीडीटी अधिकारियों का मानना है कि नई व्यवस्था के तहत न केवल आयात-निर्यात से जुड़ी कस्टम ड्यूटी पारदर्शी होगी बल्कि इससे लोगों को एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस जाने के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। इससे उनका खर्च घटेगा और भ्रष्टाचार व सरकारी कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा।

कस्टम विभाग ने दिए निर्देश

कस्टम विभाग ने भी अपने अधीनस्थ सभी दफ्तरों को सूचित कर दिया है कि आयात व निर्यात सभी तरह के माल से संबंधित सूचना अब कस्टम विभाग की आईडीपीएमएस पर उपलब्ध होगी। इसके लिए सभी संबंधित लोग और अधिकारी आयातित व निर्यातित माल की जानकारी उनके सिस्टम से डाउनलोड कर सकते हैं।

इ-ड्यूटी के जरिए भुगतान शुरू

अधिकारियों के मुताबिक अभी तक करीब 95 से अधिक व्यवसायी इ-ड्यूटी के जरिए ही कस्टम चार्ज का भुगतान कर रहे हैं। इस बाबत जब भुगतान अपडेट कर पेमेंट गेटवे पर देखा जा सकता है तो ऐसी सूरत में अनावश्यक फॉर्म भरने के झंझटों से मुक्त करने का कदम उठाया गया है। सूत्रों का कहना है कि व्यापार आसान करने के लिए संबंधित कागजातों के प्रिंट आउट पेश करने की बाध्यता हटा दी गई है। इसी तरह निर्यातकों को शिपिंग बिल की एक्सचेंज बिल की कॉपी के प्रिंट आउट की प्रतिलिपि पेश करने की कोई जरूरत नहीं होगी।

बंदरगाहों और एयर कार्गो विभाग को भी निर्देश

सरकार ने देश के सभी बंदरगाहों और एयर कार्गो विभाग के तहत आने वाले सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से कहा है कि वे इस बारे में सभी संबंधित निर्यातकों व आयातकों को सूचित करें ताकि वे उन्हें नई व्यवस्था के प्रति जागरूक कर सकें।

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