Agni Prime: दोगुनी ताकत से दुश्मन के टारगेट पर सटीक हमला करने के लिए बेहद घातक मिसाइल "अग्नि प्राइम बैलिस्टिक"
Agni Prime Ballistic Missile : भारत देश लगातार अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए नितनए घातक हथियारों को शामिल कर अपनी शक्ति को बढ़ाता चला जा रहा है।
Agni Prime Ballistic Missile : भारत देश लगातार अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए नित नए घातक हथियारों को शामिल कर अपनी शक्ति को बढ़ाता चला जा रहा है। इसी क्रम में एक और शक्तिशाली मिसाइल का सफल परीक्षण कर भारत देश ने अपने अपने दुश्मन देशों के माथे पर शिकन लाने पर मजबूर कर दिया है। बीती रात भारत की स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड और डीआरडीओ ने मिलकर ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण पूरा कर लिया है। इसे अग्नि-पी के नाम से भी बुलाते हैं। इस मिसाइल का यह परीक्षण बीती रात सात जून 2023 की शाम साढ़े सात बजे किया गया था। आइए जानते हैं इस मिसाइल की खासियत क्या है?
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल की खूबियां
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल की खूबियों की बात करें तो ये बेहद शक्तिशाली मिसाइलों की श्रेणी में शामिल है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खूबी है कि इस एक ही मिसाइल से कई टारगेट्स पर एक साथ हमला किया जा सकता है। अग्नि-I का पहली बार 1989 में परीक्षण किया गया था। फिर 2004 से इसे सेना में शामिल किया गया था। तब उसकी रेंज 700-900 किलोमीटर के बीच थी। उस समय भी इसके परीक्षण से पहले ही इस इलाके में नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया था। वर्तमान समय में यह अग्नि सीरीज की नई पीढ़ी की मिसाइल की लिस्ट में शामिल की गई है। जिसकी घातक रेंज की बात करें तो एक से दो हजार किलोमीटर तक वार कर सकती है।
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक 34.5 फीट लंबी मिसाइल पर एक या मल्टीपल इंडेपेंडटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) वॉरहेड को शामिल कर सकते हैं। अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक, थर्मोबेरिक या परमाणु हथियार ले जाने में पूरी तरह सक्षम है। मिसाइल की नोजल एरिया पर 1500 से 3000 किलोग्राम वजन के वॉरहेड को अटैच किया जा सकता हैं। यह दो स्टेज के रॉकेट मोटर पर चलने वाली मिसाइल है। अग्नी-I एक सिंगल स्टेज मिसाइल थी, वहीं अग्नि प्राइम की दो स्टेज होती हैं। अग्नि प्राइम के वजन की बात करें तो इसका वजन पिछले वर्जन से काफी हल्का है। इस प्रकार ये अग्नि प्राइम 4 हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-IV और पांच हजार किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि-V से इसका वजन हल्का है। वही अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल के
तीसरे स्टेज की बात करें तो यह स्टेज MaRV कहलाता है। भारत ने एरिया डिनायल वेपन के तौर पर इस मिसाइल को बनाया था। इसे तब बनाया गया जब चीन ने डीएफ-12डी और डीएफ-26बी मिसाइलों का निर्माण किया था। इसे बीईएमएल-टट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है। मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल को टारगेट से काफी दूर से नियंत्रित करके दुश्मन पर पूरी ताकत से अचूक हमला किया जा सकता है।