Agnipath Scheme: अग्निपथ स्कीम का समर्थन करके बुरे फंसे मनीष तिवारी, अब कांग्रेस से निलंबित करने की तैयारी
Agnipath Scheme: मनीष तिवारी के इस कदम के बाद पार्टी हाईकमान बेहद नाराज बताया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी है।
Agnipath Scheme: केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) का समर्थन करके कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। मनीष तिवारी रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य हैं और उन्होंने हाल में इस स्कीम के खिलाफ विपक्ष के मेमोरेंडम (memorandum) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। अग्निपथ स्कीम का कांग्रेस जमकर विरोध कर रही है जबकि मनीष तिवारी ने खुलकर इस स्कीम की वकालत की थी। मनीष तिवारी के इस कदम के बाद पार्टी हाईकमान बेहद नाराज बताया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी है। उन्हें पार्टी से निलंबित किया जा सकता है।
हाल के दिनों में मनीष तिवारी ने कांग्रेस हाईकमान के सामने कई मुद्दों पर असहज स्थिति पैदा कर दी। अग्निपथ ही स्कीम पर तो उन्होंने पार्टी के स्टैंड के खिलाफ सरकार का खुलकर समर्थन किया। पार्टी के स्टैंड के खिलाफ जाकर इस स्कीम के समर्थन को लेकर उनके खिलाफ पार्टी में गहरी नाराजगी दिख रही है। कांग्रेस के भीतर कुछ लोग उन्हें कांग्रेस का सुब्रमण्यम स्वामी तक बता रहे हैं।
तिवारी रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। हाल में हुई सलाहकार समिति की बैठक के दौरान विपक्ष की ओर से अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की गई थी। इस बाबत विपक्षी सांसदों की ओर से मेमोरेंडम भी तैयार किया गया था मगर तिवारी ने इस मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। बैठक में मौजूद विपक्षी सांसद शक्ति सिंह गोहिल, सुप्रिया सुले, रजनी पाटिल, सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत राय और एडी सिंह ने तो मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर कर दिए मगर मनीष तिवारी इसके लिए तैयार नहीं हुए। मनीष तिवारी के इस कदम से पार्टी नेतृत्व काफी नाराज है।
अब पार्टी से निलंबन की तैयारी
पार्टी नेतृत्व मनीष तिवारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर गहराई से विचार कर रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है। मनीष तिवारी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वे एनएसयूआई संगठन के भी सदस्य रह चुके हैं। उनके पार्टी से लंबे जुड़ाव के कारण ही अभी तक मामला अटका हुआ है मगर अब पानी नाक से ऊपर जाने के बाद पार्टी नेतृत्व जल्दी ही उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
कई बार पहले भी मुसीबत में डाला
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब मनीष तिवारी ने पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा की है। वह कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे के मुखर सदस्य रहे हैं। पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान भी मनीष तिवारी के बयान पार्टी नेतृत्व को काफी नागवार गुजरे थे। पिछले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के फैसले पर भी मनीष तिवारी ने खुलकर आपत्ति जताई थी। पंजाब में पार्टी नेताओं के इस्तीफे पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए थे।
उनका कहना था कि पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि क्यों लोग कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं। पार्टी नेतृत्व लंबे समय से उनके खिलाफ कार्रवाई को टालता रहा है मगर अग्निपथ स्कीम का समर्थन करने के बाद अब मनीष तिवारी के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान की ओर से इस बाबत जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।