Surgery in Flight: एम्स के पांच डॉक्टर बने भगवान! उड़ती फ्लाइट में दो साल की बच्ची की सफल हार्ट सर्जरी, बचा ली जान

Surgery in Flight: फ्लाइट में सफर कर रही दो साल की बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सौभाग्य से उस फ्लाइट में एम्स के पांच डॉक्टर भी सफर कर रहे थे। डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची का इलाज शुरू करके हार्ट का सफल सर्जरी कर दी और बच्ची की जान बचा ली।

Update:2023-08-28 13:31 IST
Surgery in Flight (Photo - Social Media)

Surgery in Flight: बेंगलुरु से दिल्ली जा रही एक फ्लाइट में डॉक्टर्स का चमत्कार देखने को मिला । दरअसल, फ्लाइट में सफर कर रही दो साल की बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सौभाग्य से उस फ्लाइट में एम्स के पांच डॉक्टर भी सफर कर रहे थे। डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची का इलाज शुरू करके हार्ट का सफल सर्जरी कर दी और बच्ची की जान बचा ली।

जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को बेंगलुरु से विस्तारा की यूके-814 फ्लाइट ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। चलती फ्लाइट में इमरजेंसी कॉल की घोषणा की गई। दो साल की बच्चों सियानोटिक बीमारी से पीड़ित थी जो बेहोश हो गई थी। फ्लाइट में बच्ची की हालत बिगड़ती जा रही थी। बच्ची के हाथ पैर ठंडे पड़ गए थे। फ्लाइट में इमरजेंसी कॉल की घोषणा की गई तो वहीं मौजूद एम्स की डॉक्टरों की टीम मदद के लिए आग आ गई।

डॉक्टर्स ने इमरजेंसी प्रोसेस को स्टार्ट करते हुए बच्ची को सीपीआर देना शुरू किया। इस दौरान बच्ची को कार्डिएक अरेस्ट भी पड़ गया। जिससे मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई। डॉक्टर्स ने करीब 45 मिनट तक बच्ची की इलाज किया। इस दौरान उनके पास जो भी संसाधन थे उनका उपयोग करते हुए बच्ची की जान बचा ली। फ्लाइट को सीधे नागपुर भेजा गया और यहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट को सौंपा गया। बताया जा रहा है कि बच्ची की हालात अब खतरे से बाहर है।

इन पांच डॉक्टरों ने किया चमत्कार
एम्स के जो पांच डॉक्टर इस चमत्कार में शामिल थे, उसमें एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. नवदीप कौर, एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी डॉ. दमनदीप सिंह, पूर्व एसआर एम्स रेडियोलॉजी डॉ. ऋषभ जैन, पूर्व एसआर एम्स एसआर ओबीजी डॉ. ओइशिका और एसआर कार्डियक रेडियोलॉजी डॉ. अविचला टैक्सक शामिल थे।

क्या है सियानोटिक बीमारी?

ड़ॉक्टर्स ने बताया कि बच्ची को सियानोटिक बीमारी जन्मजात है। इस बीमारी के कारण आर्टरीज और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। स्किन नीली पड़ जाती है। अचानक सांस लेने में परेशानी होने लगती है। डॉक्टर्स ने कहा कि समय पर इलाज न मिलने से मौत तक हो जाती है। इस बीमारी को कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज भी कहा जाता है। उन्होने कहा कि कई मामलों में बच्चे के जन्म के बाद इस बीमारी के लक्षण बता ही नहीं चलते हैं।

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