Akhilesh Yadav On BJP: क्या दिल्ली की जीत BJP के लिए बनेगी बड़ी चुनौती, समझें अखिलेश यादव के बयान का मतलब
Akhilesh Yadav On BJP
Akhilesh Yadav On BJP: दिल्ली विधानसभा की जीत को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के लिए चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि भाजापा के लिए वादे पूरा करना मुश्किल होगा। दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश से है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लिए चुनौती ये भी होगी कि जो वादे दिल्ली में उन्होंने किए हैं, वो वादे उत्तर प्रदेश में भी होंगे या नहीं। जिन नेताओं ने वादे किए थे वो उत्तर प्रदेश के भी हैं, देश के नेता हैं।
दिल्ली में BJP को बहुमत जीत
बता दें कि दिल्ली 70 विधानसभा क्षेत्रों वाला राज्य है। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को मतदान हुआ। इसके बाद 8 फरवरी को मतों की गणना हुई। जिसमें बीजेपी की बंपर जीत हुई। बीजेपी को 48 सीटें मिली। जबकि सत्ता शासित आम आदमी पार्टी को महज 22 सीट ही मिली। जबकि बहुमत के लिए किसी 36 साटें चाहिए होती है। वहीं कांग्रेस इस चुनाव एक भी सीट नहीं जीत पाई।
AAP के समर्थन में थे अखिलेश यादव
अखिलेश यादव इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के समर्थन में थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के साथ कई रैलियां भी की। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सीएम रहीं आतिशी के लिए भी चुनाव प्रचार प्रसार किया था। और उन्होंने आप के लिए वोट करने की जनता से अपील भी की थी।
दिल्ली का सीएम कौन
हालांकि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी ने नाम का डिक्लेयर नहीं किया है। चार से पांच नाम हैं जो प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। जिसमें से मनोज तिवारी, वीरेन्द्र सचदेवा, सतीश उपाध्याय और नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा हैं। वहीं एक नाम और सामने आ रहा है, वो है मनजिंदर सिंह सिरसा । इनका नाम पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए आगे आ रहा है। कहा जा रहा है कि सिख चेहरा होने की वजह से पंजाब चुनाव में फायदा मिल सकता है। पंजाब चुनाव के लिए ये बीजेपी का पहला प्लान हो सकता है।
पंजाब में BJP की स्थिति डामाडोल
पंजाब विधानसभा चुनाव 2027 में होना है। पिछले चुनाव की बात करें तो बीजेप की हालत बहुत बुरी रही। बीजेपी 73 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें महज 3 सीट सकी थी। वहीं लोकसभा चुनाव बीजेपी पंजाब के सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, इस चुनाव में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।