अलर्ट जारी: तबाही के लिए तैयार रहें, तेज आंधी-बारिश आने के मिले संकेत
मौसम की मार झेल रहे किसानों को कुछ दिन और ऐसे ही बिताने पड़ेंगे। भारतीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने आने वाले 5 दिनों की मौसम रिपोर्ट जारी की है, दरअसल अब वो किसानों की और चिंता बढ़ाने वाली है।
नई दिल्ली: देश में बीते एक महीने से मौसम लगातार अपना मिजाज बदला रहा है। कभी बेमौसम बारिश तो कभी धूल भरी आंधी और फिर कभी ओलावृष्टि। ऐसे में मौसम की मार झेल रहे किसानों को कुछ दिन और ऐसे ही बिताने पड़ेंगे। भारतीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र ने आने वाले 5 दिनों की मौसम रिपोर्ट जारी की है, दरअसल अब वो किसानों की और चिंता बढ़ाने वाली है।
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बारिश और आंधी आने की संभावना
मौसम विभाग की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पश्चिमी विक्षोभ एवं उत्तर पश्चिम भारत के ऊपर पूर्वी हवाओं के साथ चक्रवाती हवा चलने के प्रभाव से, अगले 36 घंटों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्र के ऊपर किसी-किसी स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश और आंधी आने की संभावना है। जिसमें 12 मई के बाद थम जाएगी। ऐसे में हवा की गति 50 किमी प्रति घंटा हो सकती है।
साथ ही 14 मई से एक ताजे पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने का अनुमान है। इसके प्रभाव में 14 मई से अगले 1-2 दिनों तक इस क्षेत्र और समीपवर्ती मैदानी क्षेत्रों में फिर से बारिश और आंधी आने की संभावना जताई जा रही है।
ओलावृष्टि और तेज हवाओं का भी अनुमान
आने वाले 4-5 दिनों के बीच मध्य एवं दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में भी छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। इन क्षेत्रों में छिटपुट स्थानों पर बिजली कड़कने, ओलावृष्टि और तेज हवाओं का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
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और तो और अगले 24 घंटे के दौरान केरल एवं तमिलनाडु के छिटपुट स्थानों पर एवं 13 तथा 14 मई को केरल एवं तटीय कर्नाटक के ऊपर भारी वर्षा का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
114.295 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र तबाह
वहीं ये मौसम किसानों के लिए बहुत दर्द लेकर आया है। इस साल रबी फसलों की पूरी कटाई खराब मौसम के बीच हुई है। कटाई के दौरान ही भारी बारिश से गेहूं की तैयार फसल को बहुत नुकसान झेलना पड़ा है। ओलावृष्टि की वजह से सब्जियां खराब हुई हैं और आंधी से आम के उत्पादन पर काफी बुरा असर पड़ा है।
आपको बताए साल 2019-20 में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 114.295 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र तबाह होने से बहुत नुकसान हुआ है। वहीं किसानों के 71,755 पशु भी प्राकृतिक आपदाओं के चलते मारे गए हैं।
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