इनके लिए बाबरी मस्जिदः बयानों से साफ, ये जिंदा रखना चाहते हैं विवाद

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन करके आधारशिला तो रख दी गई है। लेकिन इस पर मुस्लिम संगठनों, नेताओं और मौलानाओं के बयानों से साफ है कि 500 साल से विवादित चले आ रहे इस मामलें का पटाक्षेप अभी नहीं हुआ है।

Update:2020-08-06 13:29 IST
इनके लिए बाबरी मस्जिदः बयानों से साफ, ये जिंदा रखना चाहते हैं विवाद

लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन करके आधारशिला तो रख दी गई है। लेकिन इस पर मुस्लिम संगठनों, नेताओं और मौलानाओं के बयानों से साफ है कि 500 साल से विवादित चले आ रहे इस मामलें का पटाक्षेप अभी नहीं हुआ है। मुस्लिम पक्ष अभी भी यही मान रहा है कि उसके साथ ज्यादती हुई है और उसे दबाया गया है। राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, एएमआईएम के असुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के बयानों ने साफ बता दिया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हे मान्य नहीं है और वह केवल दबाव में ही यह फैसला मान रहे है।

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All India Muslim Personal Law Board

@AIMPLB_Official

#BabriMasjid
was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever. #ItsPolitics

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर कहा

अयोध्या में भूमि पूजन से पहले ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर कहा कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा रहेगी। तुर्की के हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में तब्दील करने का उदाहरण देते हुए बोर्ड के अध्यक्ष वली रहमानी ने कहा कि अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निधारण करने वाला फैसला इसे बदल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि उदास होने की जरूरत नहीं है, स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को कभी भी किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाया गया था।

अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सुर में सुर मिलाते हुए ट्वीट किया



इधर एएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सुर में सुर मिलाते हुए ट्वीट कर कहा कि बाबरी मस्जिद थी और रहेगी, इंशा अल्लाह। मुसलमानों के और भी कई मौलाना इस भूमिपूजन से नाराज है। उनका कहना है कि वह अभी कमजोर है इसलिए इस फैसले को मान रहे है लेकिन कोई भी रात हमेशा नहीं रहती है, दिन भी होता है और हमे दिन का इंतजार है।

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बता दे कि जब तक यह मामला कोर्ट में था तब तक ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने हमेशा यही कहा कि उन्हे अदालत पर भरोसा है और अदालत जो फैसला करेगी वह उसे मानेंगे लेकिन अब मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने इस मामले पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी उंगली उठाते हुए कहा है कि यह फैसला बहुसंख्यक समुदाय को संतुष्ट करने वाला है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, ओवैसी और अन्य मुस्लिम मौलानाओं के बयानों से साफ है कि अभी यह विवाद पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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