PM Modi: पुलिस अपनी मर्जी से किसी को हिरासत में नहीं ले सकेगी... चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानून पर बोले पीएम मोदी
PM Modi: चंडीगढ़ में पीएम मोदी ने तीन नए आपराधिक कानून पर सम्बोधन किया है।
PM Modi: पीएम मोदी आज चंडीगढ़ गए हुए थे। जहाँ उन्होंने तीन नए आपराधिक कानून जोकि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को देश के नाम समर्पित कर दिया। ये तीनों आपराधिक कानून एक जुलाई को ही देशभर में लागू कर दिए गए थे। बता दें कि आज तीनों कानून को देश के नाम समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के सात दशकों में न्याय व्यवस्था में अब काफी बदलाव हो चुका है। अब तीनों नए कानूनों से देश में बड़े सुधार होंगे। इससे पुलिस अब अपनी मर्जी से किसी को भी हिरासत में नहीं ले पायेगी। उसके लिए पुलिस को सबसे पहले परिवार वालों को सूचना देनी होगी। पीएम मोदी ने आगे कहा कि नए कानूनों में नागरिक अधिकारों को सुरक्षित किया जायेगा।
पीएम मोदी ने क्या कहा
आज चंडीगढ़ में पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय न्याय संहिता का मन्त्र है- सिटिजन फर्स्ट। पीएम मोदी ने कहा कि कानून नागरिक अधिकारों के रक्षक बन रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नए आपराधिक कानून Ease of justice का आधार बन रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पहले एफआईआर करवाना भी कितना मुश्किल होता था। लेकिन अब जीरो FIR को भी कानूनी रूप दे दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि देश के नागरिकों के लिए हमारे देश के कानून ने जिन आदर्शों की कल्पना की थी उसे पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास है। तीनों कानून के बारे में बताते हुए पीएम ने कहा कि इसे बनाने में हर कानून का व्यवहारिक पक्ष देखा गया है। उन्होंने नये कानून बनाने में सुप्रीम कोर्ट का, न्यायाधीशों और देश के सभी हाई कोर्ट का विशेष आभार प्रकट किया है।
भारतीय न्याय संहिता पर क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा की आजादी के समय 1947 में जब देश लम्बे समय बाद अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था तब लोगों ने न जाने कैसे कैसे सपने देखे थे। पीएम ने आगे कहा की देशवासियों ने सोचा था कि अंग्रेज गए हैं, तो अंग्रेजी कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। लेकिन अंग्रेजों के अत्याचार के उनके शोषण का जरिया ये कानून ही तो थे। जो अब इतिहास बन गए। सम्बोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारतीय न्याय संहिता के लागू होने के बाद जेलों से ऐसे हजारों कैदियों को रिहा किया गया जो पुराने कानूनों की वजह से जेल में थे। ये नया कानून लोगों के अधिकारों को सशक्तिकरण की ऊंचाई देता है।