क्वारंटाइन सेंटर होंगे बंद: सरकार का बड़ा फैसला, जानें-अब प्रवासियों का क्या होगा
कोरोना वायरस के कहर की रोकथाम के लिए देश में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है। हर राज्य में आए प्रवासी लोगों को पहले क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है। फिर उनके घर भेजा जाता है। लेकिन कल यानि 15 जून से क्वारंटाइन सेंटर बंद करने का आदेश है। यह आदेश बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग का है।
पटना कोरोना वायरस के कहर की रोकथाम के लिए देश में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है। हर राज्य में आए प्रवासी लोगों को पहले क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है। फिर उनके घर भेजा जाता है। लेकिन कल यानि 15 जून से क्वारंटाइन सेंटर बंद करने का आदेश है। यह आदेश बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग का है।
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क्वारंटाइन कैंप को बंद करने का फैसला
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आदेश में 31 मई को बिहार के 534 प्रखंडों के 15,000 से अधिक क्वारंटाइन कैंप को बंद करने का फैसला लिया गया है। सरकार का फैसला है कि श्रमिक स्पेशल को छोड़ बाकी ट्रेनों से आए लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रखा जाएगा।
राज्य के इन क्वारंटाइन सेंटर में 15 लाख से अधिक लोगों को रखा गया था। बिहार सरकार द्वारा कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए बनाए गए इन क्वारंटाइन सेंटर्स में लोगों के रहने की अवधि 14 दिन थी। राज्य के ग्रामीण इलाकों में इस खतरनाक वायरस का प्रभाव ना हो इसके लिए प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक क्वारंटाइन सेंटर्स खोले गए थे। इसके लिए बिहार के अधिकांश सरकारी स्कूलों को चिन्हित किया गया था, जिसमें बाहर से आने वाले लोग जो कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन या फिर सड़क मार्ग से बिहार आ रहे थे उनको रखा गया था।
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क्वारंटाइन के नए नियम
बिहार सरकार द्वारा क्वारंटाइन कैम्प बंद करने के निर्णय का बाहर से आने वाले लोगों को खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार के इस आदेश के बाद बिहार में दो-चार श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ही आई है। शनिवार तक के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के करीब एक हजार कैम्पों में 20 हजार के लगभग लोग रह रहे थे जिन्हें 15 जून के बाद होम क्वारंटाइन में भेज दिया जाएगा। बिहार सरकार भले ही क्वारंटाइन केंद्र बंद कर रही है, लेकिन नए नियमों के तहत बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम जांच की जाएगी। जो लोग बाहर से बिहार आएंगे उनके लिए होम क्वारंटाइन की व्यवस्था होगी।
बता दें कि क्वारंटाइन सेंटरों में सरकार ने लोगों के रहने-खाने की सभी व्यवस्था की। उन्हें सुबह में नाश्ता, दोपहर व रात में खाना दिया गया। सभी को सुबह-शाम दूध दिया गया। इन सेंटरों में रहने की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सभी को मास्क व सैनिटाइजर दिए गए। यहां रहने वालों के कपड़े, मच्छरदानी, बाल्टी, थाली-कटोरी व ग्लास आदि भी दिए गए। क्वारंटाइन अवधि पूरा कर जाने वाले ये सामान साथ ले गए। इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों को जाते समय सरकार ने उनके आने का रेल किराया तथा 500 रुपये अतिरिक्त दिए।