Mann Ki Baat Conclave: अमित शाह ने इंदिरा गांधी को बताया 'तानाशाह', बोले- PM ने किसी एपिसोड में नहीं की राजनीतिक बात

Mann Ki Baat Conclave: प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे होने के अवसर पर बुधवार को 'मन की बात@100' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। अमित शाह ने यहां सिक्का और डाक टिकट जारी किए।

Update:2023-04-27 00:38 IST
अमित शाह (Social Media)

Mann Ki Baat Conclave: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'मन की बात@100' पर राजधानी दिल्ली में बुधवार (26 अप्रैल) को राष्ट्रीय कॉन्क्लेव आयोजित हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया। अपने संबोधन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कहा, 'ये मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण पल है। मुझे सिक्का और डाक टिकट जारी करने का मौका मिला। उन्होंने कहा, आज अद्भुत प्रयोग के जरिए हमारे नेता के कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरा होने का अवसर है। उन्होंने (पीएम मोदी) एक भी एपिसोड में राजनीति की बात नहीं की।'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, 'लोकतंत्र में जनसंवाद के अनेक माध्यम होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आकाशवाणी (All India Radio) को जनसंवाद के लिए चुना। शाह बोले, मैं बचपन से आकाशवाणी का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। अब तक कई महत्वपूर्ण बातें आकाशवाणी पर सुनी। बांग्लादेश पर भारत की विजय की खबर भी मैंने आकाशवाणी पर ही सुनी। इमरजेंसी के बाद एक 'तानाशाह' की पराजय को सुबह 5 बजे आकाशवाणी के बुलेटिन पर सुना। जिसमें कहा गया इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) पराजित हो गईं।'

लोकतंत्र की मजबूती के लिए जनता-नेता संवाद जरूरी
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, 'मन की बात कार्यक्रम लोकतंत्र की नींव पर खड़ा है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र में जनता और नेता में संवाद जितना मजबूत और सार्थक होता है, लोकतंत्र उतना ही मजबूत और सफल बनता है। शाह ने आगे कहा, देश के दूरदराज के गांव में अगर मनोरंजन का कोई साधन था तो वो आकाशवाणी ही था। लेकिन, बदलते समय और प्रचार-प्रसार के माध्यम से आकाशवाणी को लोग भूलते जा रहे थे। जिसे मोदी जी ने 'मन की बात' के माध्यम से यादगार बनाया। उन्होंने आकाशवाणी को माध्यम बनाकर
युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया।'

'पद्म अवार्ड के लिए परफार्मेंस ही मापदंड'


गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधन में आगे कहा, 'देश की शक्ति को संगठित करने का काम इस प्लेटफॉर्म (मन की बात) के जरिए किया। प्रधानमंत्री जी ने हमारे लोकतंत्र में दो बड़े योगदान दिए। पहला, उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था को जातिवाद (Casteism), परिवारवाद (Familialism) और तुष्टिकरण (Appeasement) से मुक्त किया है। दूसरा, उन्होंने पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) का लोकतंत्रीकरण किया। शाह बोले, पहले पद्म पुरस्कार सिफारिश से मिलते थे। मगर, आज पद्म अवार्ड छोटे से छोटे शख्स लेकिन बड़ा योगदान करने वाले को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, आज सिर्फ परफार्मेंस ही एकमात्र मापदंड है। इससे लोकतंत्र को नई दिशा मिली है।'

मन की बात 'गागर में सागर' है
अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात को 'गागर में सागर' बताया। उन्होंने कहा, 'ये रेडियो कार्यक्रम आधे घंटे का होता है, जो देश की भाषाओं, संस्कृति और व्यक्तियों को प्रस्तुत करने का सबसे सशक्त माध्यम बना है।'

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