मोदी सरकार ने आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए उठाया ये बड़ा कदम
आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार कमर कस चुकी है। सरकार इस दिशा में तेजी के साथ काम भी कर रही है। जिसकी झलक आज एक बार फिर लोकसभा में देखने को मिली है।
नई दिल्ली: आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार कमर कस चुकी है। सरकार इस दिशा में तेजी के साथ काम भी कर रही है। जिसकी झलक आज एक बार फिर लोकसभा में देखने को मिली है।
मामला गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन ( द अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट या यूएपीए) विधेयक 2019 बिल से जुड़ा हुआ है। जो आज लोकसभा में पास हो गया है।
क्यों जरूरी है कानून में इसका प्रावधान?
'यह एंटी टेरर बिल' कई मायनों में अहम है। बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कानून की आवश्यकता है। इस बिल में संगठनों के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किए जाने का प्रावधान है।
संशोधित कानून के तहत संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों को भी आतंकी घोषित किया जा सकेगा। कानून में इसका प्रावधान क्यों करने की जरूरत पड़ी, इसे खुद गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में बताया।
प्रापर्टी जब्त करने के लिए लेनी होगी अनुमति
संशोधित कानून के तहत अब आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। हालांकि, ऐसा करने के लिए पहले राज्य के डीजीपी की अनुमति लेना आवश्यक होगा।
वहीं, अगर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) मामले की जांच कर रही है तो उसे केवल एनआईए के महानिदेशक की मंजूरी लेनी होगी। एआईए को डीजीपी से मंजूरी लेना जरूरी नहीं होगा।
कैसे व्यक्ति घोषित किए जा सकेंगे आतंकी
संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार ऐसे संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी संगठन या आतंकी घोषित कर सकती है। जो आतंकी कृत्य को अंजाम दिए हों या उनमें शामिल हों, आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों, आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों या फिर आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों।
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