टूलकिट केस में निकिता जैकब फरार घोषित, इन दो आरोपियों की तलाश में छापेमारी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की टीम सर्च करने गई थी। टीम मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जांचने गई थी।
नई दिल्ली: टूलकिट केस में बेंगलुरु की 22 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को 2 और लोगों की तलाश है।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। इन दोनों को फरार घोषित कर दिया गया है। कई जगहों पर छापेमारी भी हुई।
इन दोनों को दिशा रवि का करीबी बताया जा रहा है। निकिता जैकब अभी फरार चल रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से नॉन बेलेबल वारंट जारी करवाया है।
टूलकिट मामले में फंसी दिशा ने शुरू किया था जलवायु अभियान
11 फरवरी को निकिता जैकब के घर पर गई थी पुलिस
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर स्पेशल सेल की टीम सर्च करने गई थी। टीम मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जांचने गई थी।
शाम का वक्त था, इसलिए पूछताछ नहीं हो सकी थी। निकिता से स्पेशल सेल ने दस्तावेज पर दस्तखत करवाया था कि वो जांच में शामिल होंगी, लेकिन उसके बाद निकिता अंडरग्राउंड हो गई।
खालिस्तान संगठन ने निकिता जैकब से ऐसे साधा था सम्पर्क
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान संगठन से जुड़े पोइटिक जस्टिस फाउंडेशन के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिये निकिता जैकब से संपर्क किया था।
इसका मकसद रिपब्लिक डे के पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना था। निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, रिपब्लिक डे के पहले एक ज़ूम मीटिंग हुई।
इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग शामिल हुए, एमओ धालीवाल ने कहा कि मुद्दे को बड़ा बनाना है, मकसद ये था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है, यहां तक कि एक किसान की मौत को पुलिस की गोली से हुई मौत बताया गया।
कौन हैं दिशा रवि, जिन्हें ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से किया अरेस्ट
दिशा रवि पर लगे हैं ये आरोप
बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को रविवार को अरेस्ट किया था।
दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। इसके अलावा वह एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट भी हैं। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट किया और उसमें कुछ चीजें जोड़ीं और उसे आगे भेजा। ये सब किसानों को भड़काने के लिए किया गया था।
क्या किसान आंदोलन अपनी प्रासंगिकता खो रहा है?
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