नायक थे अरुण जेटली! इन बच्चों के लिए जो किया वो कोई नहीं कर सकता

देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। लेकिन जेटली को उनके नेक कामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। जेटली अपने निजी स्टाफ के मदद के लिए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते थे।

Update: 2019-08-24 13:32 GMT
RIP Arun Jaitley: नहीं पूरा हो पाया ये सपना, पूरे देश शोक में डूबा

नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। लेकिन जेटली को उनके नेक कामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। जेटली अपने निजी स्टाफ के मदद के लिए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाते थे।

जेटली निजी स्टाफ के परिवार की देखरेख भी अपने परिवार की तरह ही करते थे, क्योंकि वे इन्हें अपने परिवार का सदस्य मानते थे। कर्मचारी भी परिवार के सदस्य की तरह जेटली की देखभाल करते थे। उन्हें समय पर दवा देनी हो या डाइट, सबका बखूबी ख्याल रखते थे।

Full View

यह भी पढ़ें...रिलायंस ज्वेल्स ने ‘आभार’ कलेक्शन के लॉन्च के साथ मनाई अपनी 12वीं वर्षगांठ

जेटली के कर्मचारियों के बच्चे भी दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित उसी कार्मल काॅन्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं, जहां उनके अपने बच्चे पढ़े हैं। अगर कर्मचारी का कोई प्रतिभावान बच्चा विदेश में पढ़ने का इच्छा रखता था, तो उसे विदेश में वहीं पढ़ने भेजा जाता था, जहां जेटली के बच्चे पढ़े हैं।

जेटली के ड्राइवर जगन और सहायक पद्म सहित करीब 10 कर्मचारी जेटली परिवार के साथ पिछले दो-तीन दशकों से जुड़े हुए हैं। इनमें से तीन के बच्चे अभी विदेश में पढ़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें...अरुण जेटली: जब पाक से आने पर किराये के मकान के लिए करनी पड़ी थीं मशक्कत

जेटली परिवार के खान-पान की पूरी व्यवस्था देखने वाले जोगेंद्र की दो बेटियों में से एक लंदन में पढ़ रही हैं। संसद में साए की तरह जेटली के साथ रहने वाले सहयोगी गोपाल भंडारी का एक बेटा डॉक्टर और दूसरा इंजीनियर बन चुका है।

इसके अलावा पूरे स्टाफ में सबसे अहम चेहरा थे सुरेंद्र। वे कोर्ट में जेटली के प्रैक्टिस के समय से उनके साथ थे। सुरेंद्र घर के ऑफिस से लेकर बाकी सारे काम की निगरानी करते थे। जिन कर्मचारियों के बच्चे एमबीए या कोई अन्य प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते थे, उसमें जेटली फीस से लेकर नौकरी तक की पूरी व्यवस्था करते थे।

यह भी पढ़ें...अरुण जेटली अपने वारिस के लिए छोड़ गए इतने करोड़ रुपये की संपत्ति

जेटली ने 2005 में अपने सहायक रहे ओपी शर्मा के बेटे चेतन को लॉ की पढ़ाई के दौरान अपनी 6666 नंबर की एसेंट कार गिफ्ट दी थी।

Full View

चेक से देते थे पैसे

अरुण जेटली वित्तीय प्रबंधन में सावधानी बरतते थे। एक समय वे अपने बच्चों (रोहन व सोनाली) को जेब खर्च भी चेक से देते थे। इतना ही नहीं, स्टाफ को वेतन और मदद सबकुछ चेक से ही देते थे।

उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस के समय ही मदद के लिए वेलफेयर फंड बना लिया था। इस खर्च का प्रबंधन एक ट्रस्ट के जरिए करते थे। जिन कर्मचारियों के बच्चे अच्छे अंक लाते हैं, उन्हें जेटली की पत्नी संगीता भी गिफ्ट देकर प्रोत्साहित करती हैं।

Tags:    

Similar News