Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली शराब घोटाले में आखिरकार कैसे फंसे Kejriwal, Manish और Sanjay पहले ही जेल में

Arvind Kejriwal Arrest Update: दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में आखिरकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। आज रात ईडी की टीम दसवें समन के साथ केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-03-21 22:05 IST

अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार। (Pic: Social Media)

Arvind Kejriwal Arrest Updtae: दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में आखिरकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार की रात ईडी की टीम दसवें समन के साथ केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी। इससे पहले ईडी की ओर से जारी नौ समॅ के बावजूद केजरीवाल पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए थे। मुख्यमंत्री आवास पर दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया था। दिल्ली के शराब घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम मनोज सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद इन दोनों नेताओं को अभी तक जमानत नहीं मिल सकी है। अब ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दिल्ली के शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कैसे फंस गए जिसमें आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

दिल्ली सरकार की नई शराब नीति

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार साल 2021-22 में नई शराब नीति लेकर आई थी। इस नई शराब नीति के तहत सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हाथ खींच लिया और प्राइवेट लाइसेंसधारियों को भी स्टोर चलाने की अनुमति दी। इस नई नीति के पीछे सरकार की दलील थी कि कालाबाजारी पर रोक लगाने और राजस्व बढ़ाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। 2022 के जुलाई महीने में दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई शराब नीति में कई नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए शराब लाइसेंसधारियों को गलत लाभ पहुंचाने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने शराब के लाइसेंस से शुल्क में 144 करोड़ की छूट का मामला भी सामने रखा। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने दिल्ली शराब घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। नई शराब नीति को लेकर हंगामा मचाने के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया था।

शराब घोटाले में क्या है ईडी का आरोप

दिल्ली में जिस समय नई शराब नीति को लागू किया गया था, उस समय उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया के पास ही दिल्ली का आबकारी विभाग भी था। घोटाले के आरोपों की वजह से यह नई शराब नीति दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई। ईडी ने आरोप लगाया कि साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच ऐसी सहमति बनी थी जिसके तहत साउथ ग्रुप ने गोवा के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को धन मुहैया कराया था। ईडी के मुताबिक साउथ ग्रुप को दिल्ली में अपने नियंत्रण वाले शराब कारोबार के जरिए यह रकम वसूलनी थी। इस शराब घोटाले में सबसे बड़ी कार्रवाई पिछले साल फरवरी महीने के दौरान हुई थी जब ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। मनीष सिसोदिया को तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक जमानत नहीं मिल सकी और शराब घोटाले में घिरने के बाद उन्हें डिप्टी सीएम पद से भी इस्तीफा देना पड़ा।

शराब घोटाले में कैसे फंसे अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल दो नवंबर को पहला समन भेजा था। यह समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था। ईडी की ओर से जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे। ईडी की ओर से दावा किया गया है कि इस मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता के अकाउंटेंट बुची बाबू के बयान भी दर्ज किए गए। बुची बाबू ने बयान दिया है कि के कविता, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बीच पहले ही इस संबंध में बात हो चुकी थी। यही नहीं इसे लेकर कविता ने मार्च 2021 में विजय नायर से मुलाकात भी की थी। इस मामले में गिरफ्तार दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। उसने बताया कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मंगुटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और केजरीवाल के बीच कई मीटिंग भी हुई थी। इसके बाद ही सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के शराब करोबार में रेड्डी की एंट्री का स्वागत किया था।

अरविंद केजरीवाल से पहले भी हो चुकी है पूछताछ

दिल्ली के शराब घोटाले के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने भी पूछताछ की थी। सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल से दिल्ली सरकार की शराब नीति के संबंध में करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ के दौरान सीबीआई ने यह जानने की कोशिश की कि नई नीति के तहत किस तरह शराब सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया। इसके बाद ईडी की ओर से पूछताछ के लिए केजरीवाल को नौ समन जारी किया गया था मगर केजरीवाल एक बार भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

घोटाले में कैसे आया संजय सिंह का नाम

2022 के दिसंबर महीने के दौरान इस बहुचर्चित शराब घोटाले के साथ आप सांसद संजय सिंह का भी नाम जुड़ गया। दरअसल ईडी ने शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम शामिल किया कर लिया। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक दिनेश अरोड़ा ने पहले संजय सिंह से मुलाकात की थी और बाद में उनके जरिए अरोड़ा की मुलाकात एक रेस्टोरेंट में मनीष सिसोदिया से हुई थी। ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में पार्टी के लिए संजय अरोड़ा से फंड इकट्ठा करने को कहा था। संजय सिंह के कहने पर ही अरोड़ा ने मनीष सिसोदिया को पैसे देने की व्यवस्था की थी और उन्हें 32 लख रुपए का चेक भी सौंपा था। इसके बदले में संजय सिंह ने भी अरोड़ा की मदद की थी और आबकारी विभाग में उनके फंसे हुए एक मामले को सुलझाया था। चार्जशीट के मुताबिक संजय सिंह के जरिए ही अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी उनके आवास पर मुलाकात की थी।

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