संसद में सरकार ने बताया, असम के डिटेंशन सेंटर में कितने लोग हैं बंद

देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर हो रहे विरोध के बीच सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बड़ा बयान दिया।

Update: 2020-03-11 15:31 GMT

नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर हो रहे विरोध के बीच सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में बड़ा बयान दिया। सरकार ने लिखित जवाब दिया कि असम में बने डिटेंशन सेंटर में 802 लोग इस समय बंद हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी।

उन्होंने 6 मार्च 2020 तक की ये जानकारी दी है। उन्होंने ये भी बताया कि देशभर में एनआरसी लागू करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

तो वहीं एक दूसरे सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया है कि बीते पांच साल में सरकार ने 14864 बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता दी है। राज्यसभा में लिखित जवाब में उन्होंने बताया है कि 2015 में भारत-बांग्लादेश के बीच हुए सीमा समझौते के बाद 14864 बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता दी गई है।

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गौरतलब है कि असम में एनआरसी के तहत बाहर हुए लोगों का मसला चर्चा में रहा है। असम में 2019 में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। एनआरसी में 19 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे। असम में डिटेंशन सेंटर्स को लेकर भी सवाल लगातार उठते रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी भाषण में कहा था कि असम में कोई डिंटेशन सेंटर नहीं है, हालांकि बाद में सरकार ने जानकारी दी थी कि असम में डिटेंशन सेंटर हैं।

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एनआरसी की फाइनल लिस्ट पिछले साल 31 अगस्त को जारी हुई थी, जिसमें 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया था। एनआरसी के दौरान 3,30,27,661 लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 3,11,21,004 लोगों के नाम उस लिस्ट में शामिल किए गए थे।

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