Mathura के शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे की इजाजत पर बिफरे ओवैसी, बोले- 'कृपया हमें गिव एंड टेक का उपदेश न दें'

Owaisi on Shahi Idgah Mosque Case: मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद सर्वे कराने की मंजूरी पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मुस्लिमों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।'

Report :  aman
Update:2023-12-14 17:20 IST

असदुद्दीन ओवैसी (Social Media)

Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Mosque) का सर्वे एडवोकेट कमीश्नर से कराने की इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) ने अनुमति दी। इस पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि, 'कानून का मजाक बना दिया गया है।'

आपको बता दें, हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Hyderabad MP Asaduddin Owaisi) ने कहा, 'इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद सर्वे कराने की इजाजत दे दी। उन्होंने कहा, बाबरी मस्जिद केस (Babri Masjid Case) के फैसले के बाद मैंने कहा था कि, संघ परिवार (आरएसएस) की शरारत बढ़ेगी।'

ओवैसी ने पूछा- ऐसी क्या जल्दी थी?

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ओवैसी ने लिखा, 'मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद कमेटी और मंदिर ट्रस्ट ने आपसी सहमति से सुलझा लिया था। काशी, मथुरा या लखनऊ की टीले वाली मस्जिद हो। कोई भी इस समझौते को पढ़ सकता है। इन विवादों को एक नया ग्रुप उछाल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) अभी भी है, लेकिन इस ग्रुप ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट को मामले में 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी। ऐसी क्या जल्दी थी कि, सर्वे कराने का फैसला देना पड़ा।' 

कृपया 'देना और लेना' का उपदेश न दें

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जब एक पक्ष लगातार मुसलमानों को निशाना बनाने में रुचि रखता है तो कृपया 'देना और लेना' का उपदेश न दें, लेकिन कानून अब कोई मायने नहीं रखता। मुसलमानों से उनकी अस्मत लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य है।'

मुसलमानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना मकसद

असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, 'जब एक पक्ष मुस्लिमों को लगातार निशाना बनाने में रुचि रखता है तो कृपया हमें गिव एंड टेक अर्थात देन-लेन का उपदेश ना दें। उन्होंने कहा कानून मायने नहीं रखता। मुसलमानों के सम्मान को ठेस पहुंचाना ही मकसद है।'

आपको बता दें कि, हिंदू पक्ष की याचिका के हवाले से बताया गया है कि, 'भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मस्जिद के नीचे मौजूद है। ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।'


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