केरल की हाॅट सीटः बंगाल की नंदीग्राम की तरह चर्चा में, भाजपा-कांग्रेस की होगी टक्कर
कांग्रेस इस बार किसी भी सूरत में इस विधानसभा सीट को भाजपा से छीनना चाहती है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और केरल से सांसद राहुल गांधी भी इस सीट में व्यक्तिगत दिलचस्पी ले रहे हैं।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम की तरह केरल में भी एक सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बार के विधानसभा चुनाव में केरल में तिरुवनंतपुरम की नेमोम विधानसभा सीट को सबसे हॉट माना जा रहा है। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में सिर्फ एक विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी और वह नेमोम विधानसभा सीट ही थी।
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कांग्रेस इस बार किसी भी सूरत में इस विधानसभा सीट को भाजपा से छीनना चाहती है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और केरल से सांसद राहुल गांधी भी इस सीट में व्यक्तिगत दिलचस्पी ले रहे हैं।
इन दिग्गजों के बीच हो रहा मुकाबला
इस सीट से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमान चांडी या विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला के चुनाव लड़ने की चर्चा थी मगर अब कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और चार बार के सांसद के.मुरलीधरन को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर इस बार भाजपा ने प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष कुमनम राजशेखरन को टिकट दिया है।
भाजपा को पहली बार मिली थी जीत
नेमोम केरल की वह सीट है जहां 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पहली बार जीत हासिल हुई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता ओलनचेरी राजगोपाल इस सीट पर जीत हासिल करने वाले भाजपा के पहले विधायक थे।
पांच दशक से भी ज्यादा समय तक केरल में भाजपा के लिए काम करने वाले राजगोपाल अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। भाजपा ने उन्हें दो बार राज्यसभा का सदस्य भी बनाया। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
राजगोपाल की जगह राजशेखरन उतरे
इस बार के विधानसभा चुनाव में राजगोपाल ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। राजगोपाल का कहना है कि मेरी उम्र है 93 साल हो चुकी है और मैं सालों से चुनाव लड़ता रहा हूं। अब मेरी उम्र चुनाव लड़ने की नहीं रही और मैं चाहता हूं कि इस सीट से अब दूसरों को चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। भाजपा ने इस सीट से राजगोपाल की जगह राजशेखरन को चुनाव मैदान में उतारा है।
करुणाकरण भी रह चुके हैं विधायक
नेमोम की सीट कांग्रेस के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सीट से केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे करुणाकरण भी चुनाव लड़ा करते थे। पिछली बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर तीसरे नंबर पर खिसक गई थी। इसके साथ ही कांग्रेस इस सीट को भाजपा से छीनना भी चाहती है। इसलिए भी कांग्रेस ने इस बार काफी जोर लगा रखा है।
इस क्षेत्र में पिछड़ गए थे शशि थरूर
2019 के लोकसभा चुनाव में तिरुवनंतपुरम की लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शशि थरूर ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार राजशेखरन को एक लाख से अधिक वोटों से हराने में कामयाबी हासिल की थी। शशि थरूर चुनाव जीतने में तो जरूर कामयाब हो गए थे मगर नेमोम विधानसभा सीट पर वह भाजपा प्रत्याशी राजशेखरन से पिछड़ गए थे।
राजशेखरन ने इस सीट पर थरूर को करीब 12000 वोटों से पिछाड़ा था। पिछले साल दिसंबर में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में भाजपा इस इलाके में 22 में से 14 वार्ड जीतने में कामयाब हुई थी। 2015 के चुनाव में भाजपा को 10 वार्डों पर विजय हासिल हुई थी।
नेमोम में 62 फीसदी हिंदू मतदाता
नेमोम विधानसभा सीट करीब 62 फ़ीसदी मतदाता हिंदू हैं। इस सीट के 19 फीसदी मतदाता क्रिश्चियन और करीब 14 फ़ीसदी मतदाता मुस्लिम हैं। हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के दम पर ही भाजपा ने इस सीट पर पिछले बार विजय हासिल की थी। भाजपा इस बार भी ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटी हुई है और माना जा रहा है कि यदि हिंदू मतों का ध्रुवीकरण हुआ तो भाजपा एक बार फिर इस सीट पर विजय पताका फहरा सकती है।
कांग्रेस लगा रही पूरी ताकत
दूसरी ओर कांग्रेस भी इस बार नेमोम विधानसभा सीट पर पूरी ताकत लगाने में जुटी हुई है। पहले इस सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता ओमान चांडी या विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला को चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा रहा था। नेताओं के परंपरागत चुनाव क्षेत्रों में इस बात का विरोध होने पर कांग्रेस नेतृत्व ने यह विचार छोड़ दिया।
कांग्रेस की ओर से जारी सूची में चांडी को उनके गृह क्षेत्र पुथुपल्ली से ही चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि चेन्नीथल्ला अपनी मौजूदा सीट हरिपद से ही चुनाव मैदान में उतरेंगे।
कांग्रेस ने इस दिग्गज नेता को उतारा
केरल में कांग्रेस ने 86 विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। केरल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लापल्ली रामचंद्रन ने रविवार को यह सूची जारी करते हुए बताया कि नेमोम विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजशेखरन के मुकाबले पूर्व मुख्यमंत्री और चार बार के सांसद मुरलीधरन को उतारा गया है।
भाजपा इस कारण लगा रही जोर
नेमोम विधानसभा सीट भाजपा के लिए भी प्रतिष्ठा की सीट है क्योंकि इसी सीट पर जीत हासिल करने के बाद केरल में भाजपा ने पहली बार अपना खाता खोला था।
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भाजपा किसी भी सूरत में इस सीट को अपने हाथ से नहीं निकलने देना चाहती तो दूसरी ओर कांग्रेस इस बार इस सीट पर भाजपा को शिकस्त देने के लिए बेकरार है। अब देखने वाली बात यह होगी कि देश के इन दोनों सबसे बड़े सियासी दलों की टक्कर में आखिर कौन नेमोम में विजय हासिल करने में कामयाब होता है।
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