अतंरिक्ष में मचेगी हलचल: पृथ्वी के लिए 6 सितंबर बेहद अहम, वैज्ञानिक भी चौकन्नें
एस्टेरॉयड(क्षुद्रग्रहों) के पृथ्वी के पास से गुजरने पर कुछ समय के लिए सबकी निगाहें उसी पर टिकी रहती हैं। लगभग हर महीने कुछ एस्टेरॉयड पृथ्वी के नजदीक से गुजरते ही हैं। हालाकिं इस महीने यानी सितंबर में पहले हफ्ते से ही एस्टेरॉयड के पृथ्वी के पास आने की चर्चाएं जोरो-शोरों पर हैं।
नई दिल्ली। एस्टेरॉयड(क्षुद्रग्रहों) के पृथ्वी के पास से गुजरने पर कुछ समय के लिए सबकी निगाहें उसी पर टिकी रहती हैं। लगभग हर महीने कुछ एस्टेरॉयड पृथ्वी के नजदीक से गुजरते ही हैं। हालाकिं इस महीने यानी सितंबर में पहले हफ्ते से ही एस्टेरॉयड के पृथ्वी के पास आने की चर्चाएं जोरो-शोरों पर हैं। अमेरिकी एजेंसी नासा समेत दुनियाभर के खगोलविद्दों की इस एस्टेरॉयड पर निगाहें टिकाएं हुए हैं। इनमें से एक एस्टेरॉयड का आकार मिस्र के पिरामिड से भी बड़ा है।
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एस्टेरॉयड बेहद खास
सितंबर महीने में गुजरने वाले एस्टेरॉयड में से कोई भी पृथ्वी को क्षति पहुंचाने वालों में नहीं है। पर फिर भी कई खगोलविद इस पर अपनी निगाहें लगाएं बैठे हैं और ये अपने आप में बेहद अहम भी हैंं। 465824 (2010 FR) नाम का एस्टेरॉयड बहुत ही तेज गति से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इसकी गति 14 किलोमीटर प्रति सेकंड की है जो उच्च पराध्वनिक गति से भी अधिक है।
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ये एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से 6 सितंबर को गुजरेगा। इस अपोलो क्लास का एस्टेरॉयड करार दिया है क्योंकी यह पृथ्वी की कक्षा के अंदर से गुजरेगा। इस एस्टेरॉयड की एक खास बात है।
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार, ये एस्टेरॉयड मिस्र के गीजा पिरामिड के आकार से दो गुना ज्यादा है। इसका आकार 120 से 270 के व्यास का बताया जा रहा है। इस एस्टेरॉयड से हालांकि कोई खतरा नहीं है। ऐसे में नासा ने इस नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) की क्लास का एस्टेरॉयड बताया है।
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