Aurangzeb Controversy: महाराष्ट्र में जारी है औरंगजेब पर घमासान, फडनवीस बोले – हमारे राजा सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज

Aurangzeb Controversy : महाराष्ट्र की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर घमासान जारी है। पिछले दिनों मुगल शासक के समर्थन सोशल मीडिया पोस्ट किए जाने को लेकर राज्य के कई जिलों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।

Update:2023-06-19 14:31 IST
Aurangzeb Controversy (social media)

Aurangzeb Controversy :मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब को लेकर घमासान जारी है। पिछले दिनों मुगल शासक के समर्थन सोशल मीडिया पोस्ट किए जाने को लेकर राज्य के कई जिलों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने बीते दिनों हुए बवाल का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रवादी मुसलमान औरंगजेब को अपना नेता नहीं मानते। यहां का कोई मुस्लिम भी मुगल बादशाह का वंशज नहीं है। औरंगजेब हमारे नेता नहीं हो सकते हैं। हमारे राजा केवल एक है वो हैं छत्रपति शिवाजी महाराज।

महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते औरंगजेब के तारीफ में लगे पोस्टर और सोशल मीडिया पोस्टों को लेकर भी उन्होंने विपक्षी पार्टियों को घेरा। देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि अचानक राज्य में औरंगजेब के इतने हमदर्द कैसे आए ? उन्होंने कहा कि संभाजीनगर, कोल्हापुर और अकोला में जो हुआ वह महज संयोग नहीं बल्कि एक प्रयोग था। डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि औरंगजेब और उनके पूर्वज बाहर से आए थे। देश के राष्ट्रवादी मुसलमान भी उनका समर्थन नहीं करते हैं। वे भी छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं।

औरंगजेब की मजार पर जाने को लेकर भड़के फडनवीस

तनाव भरे माहौल के बीच वंचित बहुजन अघाड़ी के मुखिया प्रकाश अंबेडकर शनिवार को औरंगाबाद स्थित औरंगजेब की मजार पर गए थे। जिस पर उपमुख्यमंत्री सह राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडनवीस ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा अंबेडकर को मुगल शासक के मजार पर जाने की क्या जरूरत थी। वो कहते हैं कि औरंगजेब ने देश पर लंबे समय तक शासन किया, ऐसे में तो हिटलर ने भी जर्मनी पर शासन किया था। बहुत से लोग हिटलर को भगवान की तरह पूजते भी थे। फडनवीस ने पूछा कि राज्य में औरंगजेब के वंशजों को कौन पैदा कर रहा है।

उद्धव ठाकरे पर भी साधा निशाना

प्रकाश अंबेडकर के औरंगजेब के मजार पर जाने को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को घेरा है। दरअसल, इस साल की शुरूआत में ठाकरे और अंबेडकर ने गठबंधन किया था। महाराष्ट्र में इन दिनों महाविकास अघाडी में प्रकाश अंबेडकर को भी शामिल करने की भी खूब अटकलें हैं। ऐसे में फडनवीस ने ठाकरे को लपेटते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने अंबेडकर के साथ गठबंधन किया है तो क्या वे उनके इस कार्य को स्वीकार करेंगे ?
महाराष्ट्र में औरंगजेब क्यों बन गया हॉट मुद्दा ?

महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे सरकार ने इस साल औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया। दक्कन जीतने के लिए मुगल शासक औरंगजेब ने शिवाजी की मृत्यु के बाद अपना दरबार दिल्ली से स्थानांतरित कर औरंगाबाद कर लिया था। उसी के नाम पर इस शहर का नाम औरंगाबाद पड़ा था। मरने के बाद उसे औरंगाबाद के पास स्थित खुल्दाबाद में ही दफनाया गया था। बीजेपी, शिवसेना समेत अन्य हिंदू संगठन लंबे समय से शहर का नाम बदलने की मांग करते रहे हैं। नेताओं ने इसे ऐतिहासिक गलती को ठीक करने की तरह प्रचारित किया। उन्होंने ये भी इशारा दिया कि आने वाले समय औरंगजेब से जुड़ी सारी निशानियां मिटा दी जाएंगी। इस पर मुसलमानों के एक तबके से तीखी प्रतिक्रिया आई। जानकारों की मानें तो औरंगजेब को लेकर मौजूदा तनाव इसी कारण है।

सत्ता में बैठी बीजेपी और शिवसेना के लिए औरंगजेब का मुद्दा लाभकारी भी लगता है। क्योंकि मराठा इतिहास में औरंगजेब को सबसे बड़े खलनायक के रूप में इसलिए भी देखा जाता है क्योंकि उसने शिवाजी के बेटे संभाजी को पकड़ने के बाद उन्हें मरते दम तक खूब प्रताड़ित किया था। यह घटना मराठा समुदाय के इतिहास का सबसे बड़ा घाव बन गया। इसलिए इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की ओर से अक्सर तीखी प्रतिक्रिया आती है, जिसे राज्य के सबसे बड़े जातीय समुदाय मराठा को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जाता है।

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