Baba Bageshwar Dham Truth: बाबा बागेश्वर, धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में भाजपाई ही नही, कांग्रेसियों के हाज़िरी लगाने का जानें सच

Baba Bageshwar Dham Ka Sach: बाबा के दरबार में भाजपाई व काग्रेंसी दोनों को देखा जा सकता है। यह बात दीगर है कि भक्त उम्मीदवार केवल रात के अंधेरे में ही बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं।

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2023-11-07 17:25 IST

Baba Bageshwar Dham Truth

Baba Bageshwar Dham Ka Sach: मध्य प्रदेश के पहले चरण के मतदान की तारीख़ें जैसे जैसे क़रीब आती जा रही हैं, वैसे वैसे पीतांबर देवी की मूल पीठ नलखेडा से लेकर दतिया व महाकाल के मंदिरों में नेताओं की आमद रफ्त तेज होते देखी जा सकती है। अपनी विजय के लिए पूजा , पाठ व अनुष्ठान सरीखी गतिविधियां करते हुए जन प्रतिनिधि व उनके परिजन हर छोटे बड़े मंदिरों में मिल जाते हैं। कथा वाचकों की भी चाँदी बन आई है।

चुनाव की घोषणा से ठीक पहले तक हर ज़िले में कोई न कोई कथा वाचक किसी न किसी मंत्री या विधायक को यजमान बनाकर कथा कहने में मशगूल दिखा। पर आचार संहिता लागू होते ही यह सिलसिला भले थम गया हो। लेकिन कथा वाचकों के घर व गाँव में उम्मीदवारों की आमदरफ्त बढ़ गयी है। कथा वाचक भी भाजपा व कांग्रेस के खेमे में बंटे दिखते हैं। इसलिए जहां भाजपाई जा रहे हैं, वहाँ दूर दूर तक कोई कांग्रेसी नहीं दिखता है। ठीक यही स्थिति उलट भी है। पर बीते दिनों अचानक सुर्ख़ियों में आये बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के साथ ऐसा नहीं है।

बाबा के दरबार में भाजपाई व काग्रेंसी दोनों

इनके दरबार में भाजपाई व काग्रेंसी दोनों को देखा जा सकता है। यह बात दीगर है कि भक्त उम्मीदवार केवल रात के अंधेरे में ही बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि बागेश्वर धाम का नाम व काम पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में दिखता है फिर आखिर कांग्रेसी उम्मीदवार धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में माथा क्यों टेक रहे हैं? पर इसकी कथा भी बाबा के चमत्कारों से कम रोचक नहीं हैं।

बाबा बागेश्वर, धीरेंद्र शास्त्री: Photo- Social Media

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बाबा धीरेंद्र शास्त्री और भाजपा

कहने को तो धीरेंद्र शास्त्री सनातन की आड़ में भाजपा का काम कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के चुनाव में धीरेंद्र शास्त्री ने कम से कम एक दर्जन सीटों पर भाजपा को फ़ायदा पहुँचाया हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री को यहाँ तक पहुँचाने और उन्हें सनातन के प्रचार तक लाने के पीछे आलोक चतुर्वेदी उर्फ़ पज्जन चतुर्वेदी हैं। आलोक उर्फ़ पज्जन ने बाबा को खड़ा किया।ये बाबा के वित्तीय सलाहकार भी माने जाते रहे हैं। हालाँकि अब बाबा को उनकी ज़रूरत नहीं है। उनके दरबार में लक्ष्मी बरसने लगी हैं। आलोक उर्फ़ पज्जन कांग्रेस के विधायक भी हैं।

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कमलनाथ ने बाबा का भव्य स्वागत किया था: Photo- Social Media

कमलनाथ ने बाबा का भव्य स्वागत किया था

कहानी यह है कि जब बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के प्रभाव का लाभ भाजपा को इस चुनाव में मिलता दिखने लगा तो कमलनाथ ने मास्टर स्ट्रोक खेला। उन्होंने पज्जन के मार्फ़त बाबा बागेश्वर को अपने दरवाज़ में हाज़िर करवाने में कामयाबी हासिल कर ली।


बाबा छिंदवाडा गये। जहां कमलनाथ ने बाबा का भव्य स्वागत किया। धीरेंद्र शास्त्री ने कमलनाथ को आशीर्वाद दिया। इसके पोस्टर भी कम नहीं लगे। इसी के बाद से कांग्रेसी उम्मीदवारों की आमदरफ्त बाबा के दरबार में बढ़ गई। बाबा की भी पौ बारह इसलिए दिख रही है क्योंकि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनती हुई दिख नहीं रही है। यदि बनती है तो शिवराज सिंह मुख्यमंत्री नहीं बनेगें। बाबा के दोनों हाथ में लड्डू है।

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