नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध को सही तरीके से लागू नहीं करने पर चिंता व्यक्त करते हुए उद्योग संगठन एसोचैम ने शनिवार को कहा कि स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करना केंद्र, राज्य सरकारों, नागरिक समाज और लोगों की सबकी जिम्मेदारी है, केवल अकेले शीर्ष अदालत की नहीं है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, "हालांकि व्यापारियों और निर्माताओं का आर्थिक हित शामिल था, लेकिन एक बार जब सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया, तो इस आदेश का पालन समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करवाने की जिम्मेदारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की राज्य सरकारों की थी।"
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उद्योग चैंबर ने कहा कि हालांकि कुछ चयनित क्षेत्रों में इसका स्वैच्छिक अनुपालन किया गया, लेकिन इस प्रतिबंध को कई इलाकों में शातिर लोगों द्वारा पटाखों की बिक्री कर खारिज कर दिया गया। हालांकि इस साल पिछले कई सालों की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान हुआ। लेकिन एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण अभी भी 18 गुणा ज्यादा है।
एसोचैम ने कहा, "इस साल के अनुभव से पता चलता है कि न सिर्फ दिवाली के दौरान बल्कि पूरे साल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छी तरह से समन्वित कार्य योजना की आवश्यकता है। खासतौर से सर्दियों के दिनों में जब आसमान धुंध और विषाक्त गैसों से घिरा होता है, जो लाखों लोगों, विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।"