मुर्दा लोगों के खुले एकाउंट: बैंक में हजारों खाते ऐसे ही, घोटाले का अब हुआ खुलासा

पीएमसी बैंक से बड़ा खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पीएमसी बैंक घोटाले की जांच में पाया है कि इस बैंक में खोले गए ज्यादातर खाते फर्जी है। घाटाले की जांच में पाया गया कि बैंक में 21049 खाते फर्जी है जिससे एचडीआईएल को दिए गए लोन को छिपाया जा सके।

Update: 2023-07-16 05:21 GMT

नई दिल्ली : पीएमसी बैंक से बड़ा खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पीएमसी बैंक घोटाले की जांच में पाया है कि इस बैंक में खोले गए ज्यादातर खाते फर्जी है। घाटाले की जांच में पाया गया कि बैंक में 21049 खाते फर्जी है जिससे एचडीआईएल को दिए गए लोन को छिपाया जा सके। और इन खातों में ज्यादातर खाते मरे हुए लोगों के नाम पर खोले गए हैं।

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बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च 2018 में जिन लोन अकाउंट्स की जानकारी दी थी, उनमें से ज्यादातर या तो मरनेवालों के नाम पर थे या फिर उनके नाम पर थे जो अपने खाते बंद कर चुके थे।

इन खातों में 45 दिन के भीतर ही बनाकर इनकी जानकारी आरबीआई को सौंप दी गई थी। इन खातों में दी गई राशि की जानकारी एचडीआईएल और उसकी ग्रुप कंपनियों के दिए गए लोन से बहुत कम थी।

और तो और ये 21049 बैंक खाते कोर बैकिंग सिस्टम में नही बनाए गए थे बल्कि इन्हें एडवांस इन खातों को एडवांस मास्टर इंटेंड एंट्री के रूप में रिजर्व बैंक के सामने पेश किया गया था।

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रिजर्व बैंक ने अपनी जांच में एचडीआईएल के 44 में से केवल 10 खातों को ही सही पाया। रिजर्व बैंक बाकी बचे खाता धारकों की पहचान में अभी भी लगा हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, स्कैम का बैंक के रिजर्व पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। फंड्स की कमी 3000 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है। रिजर्व बैंक का मूल्यांकन पूरा होने तक इसके और बढ़ने का अंदाजा है।

 

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