Bank Privatisation: जल्द ही बिकने वाले हैं देश के 2 सरकारी बैंक, कहीं इन बैंकों में आपका खाता तो नहीं!
Bank Privatisation: सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) के प्राइवेटाइजेशन की तरफ आगे बढ़ रही है।
Bank Privatisation: देश की मोदी सरकार एक बार फिर से दो बड़े बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है। जिसको ध्यान में रखते बैंकिग कानून संशोधन विधयक की तैयारी की जा रही है। ये विधेयक(Banking Laws Amendment Bill) अगले महीने शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में लाने की तैयारी है। ऐसे में इस कानून संशोधन विधेयक के आने के बाद बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।
दरअसल देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2022 में बजट पेश करने के दौरान दो सरकारी बैंकों (bank working days) और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण (privatisation of banks) का प्रस्ताव रखा था। जिसके चलते इस बारे में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) के प्राइवेटाइजेशन की तरफ आगे बढ़ रही है। लेकिन अभी सरकार की ओर से इस बारे में कोई ऑफिशियल एलान नहीं किया गया है।
फिलहाल सरकार द्वारा दो सरकारी अधिकारियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बैंकों के प्राइवेटाइजेशन से संबंधित जानकारी दी है। इस बारे में सूत्रों के मुताबिक, सरकार का उद्देश्य सितंबर तक कम से कम एक बैंक का प्राइवेटाइजेशन पूरा करने का है।
इसके बारे में विनिवेश की प्रक्रिया के तहत, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का मुख्य समूह वैकल्पिक तंत्र (एएम) को इसकी इजाजत के लिए अपनी सिफारिश भेजेगा। इसके बाद पीएम मोदी की अगुवाई वाला केंद्रीय मंत्रिमंडल इस विधेयक पर अंतिम मुहर लगाएगा।
जानकारी देते हुए बता दें, कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का एलान किया था। दूसरी तरफ नीति आयोग (NITI Aayog) ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो PSU बैंक को भी शॉर्टलिस्ट किया है। वहीं बैंक के प्राइवेटाइजेशन को लेकर लगातार हो रहे विरोध पर केंद्र सरकार निजीकरण को लेकर निर्णय ले लिया है।