वैक्सीन के नाम पर फ्रॉड: बुकिंग के लिए मांग रहे डिटेल, हो जाएं सभी सावधान
इन दिनों साइबर ठग कोरोना वैक्सीन के नाम पर झांसा दे रहे हैं। दरअसल, साइबर ठगी के सबसे बड़े अड्डे डार्क वेब पर इन दिनों अपराधी कोरोना वैक्सीन बेचने का दावा कर रहे हैं। वहां पर वैक्सीन की डील के दौरान क्रिप्टोकरंसी के जरिए लोगों के पैसे हड़प रहे हैं।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वैक्सीन को मिलने में अभी समय है, लेकिन इसके नाम पर अभी से लोगों को ठगने के लिए अपराधी गिरोह सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों साइबर ठग कोरोना वैक्सीन के नाम पर झांसा दे रहे हैं। दरअसल, साइबर ठगी के सबसे बड़े अड्डे डार्क वेब पर इन दिनों अपराधी कोरोना वैक्सीन बेचने का दावा कर रहे हैं। वहां पर वैक्सीन की डील के दौरान क्रिप्टोकरंसी के जरिए लोगों के पैसे हड़प रहे हैं।
ऐसे बचे धोखाधड़ी से
जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद पुलिस के साइबर थाने में अब तक आधा दर्जन ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। गनीमत यह रही कि ठगों की बातचीत और उनके तौर-तरीकों ने लोगों के मन में शक पैदा कर दिया और उन्होंने अपने खाते की जानकारी या बैंक से मिलने वाले ओटीपी देने से मना कर दिया।
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फैला रहे झूठा दावा
कोरोना वैक्सीन बेचने वाले इन ठगों ने डार्क वेब पर दावा किया है कि चीन ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है, लेकिन दूसरे देशों को नहीं बेच रहा है। उन्होंने दावा किया है कि चीन की वुहान वायरोलॉजी के वैज्ञानिक भी इस वैक्सीन से जुड़ी कोई जानकारी शेयर नहीं कर रहे। इन ठगों का दावा है कि ये लोग कई देशों में यह वैक्सीन बेच चुके हैं।
बिटकॉइन से ले रहे ऑर्डर
इस मामले में साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने जानकारी दी कि डार्कवेब पर बेची जा रही वैक्सीन की होम डिलिवरी का दावा किया जा रहा है। इसके लिए साइबर ठग केवल क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन से ही पेमेंट ले रहे हैं। जो कोई भी इनके चंगुल में फंसकर ऑर्डर करता है, वह अपने पैसे गंवा देता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि ऐसे किसी झांसे में न आएं। उन्होंने बताया कि बिटकॉइन को आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता, इसलिए ठगी होने के बाद ऐसे अपराधियों का पकड़ना भी मुश्किल है।
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