अभी हो सतर्क: कहीं पड़ जाए भारी, ये हैं इस खतरनाक बीमारी के लक्षण

देश के बीते कई सालों से भीषण बीमारियां अपने पैर पसार रही है। जिनमें से कुछ का इलाज तो संभव हो सका है पर कुछ का अभी भी नही। ऐसे में भारत में जीका वायरस के भी कई मामले सामने आ चुके है।

Update: 2019-10-24 19:44 GMT
अभी हो सतर्क: कहीं पड़ जाए भारी, ये हैं इस खतरनाक बीमारी के लक्षण

नई दिल्ली : देश के बीते कई सालों से भीषण बीमारियां अपने पैर पसार रही है। जिनमें से कुछ का इलाज तो संभव हो सका है पर कुछ का अभी भी नही। ऐसे में भारत में जीका वायरस के भी कई मामले सामने आ चुके है। इन मामलों के सामने आते ही कई राज्यों की सरकारों ने इस वायरस के लक्षणों से ग्रस्त लोगों पर खास निगरानी रखने को कहा था।

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इसके साथ ही भारत के अलावा यह वायरस दुनिया भर के 86 देशों में भी फैल चुका है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की तरह ज़ीका भी खतरनाक वायरस है। इसका सबसे अच्छा बचाव यही है कि आप जीका वायरस के बारे में सही और सारी जानकारी रखें। इस खतरनाक वायरल के बारें में आपको पता होना चाहिए कि यह बीमारी कैसे फैलती है, इसके क्या लक्षण और इलाज है।

कितना खतरनाक है जीका वायरस

ये वायरस इतना खतरनाक है कि अगर किसी गर्भवती महिला को हो जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे को भी यह बुखार हो सकता है। जिसके कारण से बच्चे के सिर का विकास रूक सकता है और वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी फैल सकता है।

जान लें, वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन में स्किन रैशेज़ या दाग, पीलिया, लिवर से जुड़ी बीमारियां, अंधापन, दिमागी बीमारी, ऑटिज़्म, सुनने में दिक्कत और कई बार बच्चे की मौत भी हो सकती है।

वहीं, बड़ों में जीका वायरस गुलैन-बैरे सिंड्रोम का कारण बन सकता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती हैं। इस वजह से शरीर में कई बीमारियां होने लगती है।

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ऐसे फैलता है जीका वायरस

ये खतरनाक वायरस डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की ही तरह मच्छरों से फैलता है। यह एक प्रकार का एडीज मच्छर ही है, जो दिन में सक्रिय रहता है।

अगर यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है। मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका बुखार या वायरस फैलता है।

ये हैं जीका वायरस के लक्षण

जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते। लेकिन इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। जैसे थकान, बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाना।

ये है जीका वायरस का इलाज

जीका वायरस का कोई टीका नहीं है, न ही कोई उपचार है। इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) दी जाती है।

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