Opposition Meeting: पटना बैठक से पहले केजरीवाल का बड़ा बयान, मोदी सरकार के अध्यादेश पर कांग्रेस को साफ करना होगा रुख

Opposition Meeting: पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक से पूर्व आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है।

Update:2023-06-20 17:31 IST
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल: Photo- Social Media

Opposition Meeting: पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक से पूर्व आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के संबंध में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस को अपना स्टैंड बताना होगा। उन्होंने कहा कि पटना में 23 जून को विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होने वाली सभी पार्टियां कांग्रेस से इस बाबत सवाल पूछेंगी।'

केजरीवाल ने इस अध्यादेश को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पिछले दिनों उन्होंने इस मुद्दे पर दिल्ली में बड़ी रैली भी की थी। इस रैली में हिस्सा लेने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कपिल सिब्बल भी पहुंचे थे। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर केजरीवाल का साथ देने का कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस के इस रुख से केजरीवाल नाराज बताए जा रहे हैं।

अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पटना में 23 जून को आयोजित होने वाली विपक्ष की बैठक की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। इस बैठक में केजरीवाल भी हिस्सा लेने वाले हैं। बैठक से पूर्व केजरीवाल ने दिल्ली के संबंध में लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस के रुख को लेकर बड़ा बयान दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विपक्षी दलों की ओर से इस बाबत कांग्रेस से सवाल पूछा जाएगा।

उन्होंने कहा कि पटना में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक का सबसे पहला मुद्दा दिल्ली के संबंध में लाया गया अध्यादेश ही होगा। बैठक में हिस्सा लेने वाली सभी विपक्षी पार्टियां कांग्रेस से सवाल पूछेंगी कि आखिरकार उसका इस मुद्दे पर क्या स्टैंड है। कांग्रेस को इस सवाल का जवाब देना होगा।

कांग्रेस नेताओं ने नहीं की मुलाकात

केजरीवाल मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने अभी तक जिन नेताओं से मुलाकात की है,उनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हैं। सभी नेताओं ने मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान किया है।

केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से भी समर्थन मांगा था मगर कांग्रेस ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है। केजरीवाल इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते थे मगर पार्टी की ओर से अभी तक उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया गया है। केजरीवाल इस मुद्दे पर कांग्रेस के रुख से काफी नाराज हैं। यही कारण है कि उन्होंने विपक्ष की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की घोषणा कर दी है।

अन्य राज्यों में भी उठाया जा सकता है कदम

केजरीवाल ने कहा कि किसी भी विपक्षी पार्टी के नेता को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि यह उनके राज्य का मामला नहीं है। मोदी सरकार की ओर से इस तरह का कदम पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब या राजस्थान किसी भी राज्य में उठाया जा सकता है। इसलिए विपक्ष के नेताओं को इस मुद्दे पर एकजुट होने की जरूरत है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने साथ संविधान की एक कॉपी लेकर पटना जाऊंगा। मैं वहां सभी विपक्षी दलों के नेताओं को यह समझाने की कोशिश करूंगा कि उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि दिल्ली यूटी है। इसलिए यह कदम सिर्फ दिल्ली के संबंध में ही उठाया गया है। ऐसा कदम मोदी सरकार की ओर से अन्य राज्यों में भी उठाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शातिर चाल चलकर दिल्ली सरकार पर काबिज होने की साजिश रच रही है।

पटना की बैठक से पूर्व अहम बयान

पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक से पूर्व केजरीवाल का यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। इस बयान से साफ हो गया कि विपक्ष की इस बैठक के दौरान एक-दूसरे को घेरने का भी प्रयास किया जाएगा। आप के नेता इस मुद्दे पर कांग्रेस को लगातार घेरने की कोशिश में जुटे हुए हैं जबकि कांग्रेस इस मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन देने के मूड में नहीं दिख रही है।

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