शर्मनाक: अस्पतालों के चक्कर काटता रहा परिवार, 2 साल की मासूम की हो गई मौत

कोरोना महामारी फैलने की वजह से बच्ची को कैंसर का सही इलाज नहीं मिल पाया और उसका मौत हो गई। बच्ची के परिजनों का कहना है कि अगर ये महामारी ना फैली होती तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी।

Update:2020-05-13 11:40 IST

कोलकाता: देशभर में कोरोना वायरस के बीच बंगाल में एक दो साल की बच्ची की इलाज ना मिलने के चलते मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी फैलने की वजह से बच्ची को कैंसर का सही इलाज नहीं मिल पाया और उसका मौत हो गई। बच्ची के परिजनों का कहना है कि अगर ये महामारी ना फैली होती तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी।

बच्ची के इलाज के लिए नहीं मिली मदद

मृत बच्ची के पिता बिस्वजीत साहा ने कहा कि वह अपनी बीमार बच्ची को लेकर हर जगह गए लेकिन उन्हें कोई भी मदद नहीं मिली। परिवारवाले लॉकडाउन के दौरान बच्ची को रिक्शे में एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक ले गए लेकिन उनका किसी ने ना सुनी। जानकारी के मुताबिक, 2 साल की यह बच्ची पेट के कैंसर से जूझ रही थी लेकिन परिवार वालों का मानना है कि अगर उसे सही इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती।

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दिसंबर में हुआ था पेट के ट्यूमर का ऑपरेशन

डॉक्टरों ने पहले बच्ची को केमोथेरेपी देने की सलाह दी थी। कोलकाता में पिछले साल ही दिसबंर 2019 में बच्ची के पेट के ट्यूमर का ऑपरेशन कराया गया था। और कुछ महीने पहले उसे पहली बार केमोथेरेपी दी गई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उसकी हालत और बिगड़ती गई।

रोजी-रोटी के लिए रिक्शा चलाते हैं बिस्वजीत

बिस्वजीत साहा ने बताया कि हमें बच्ची को कोलकाता मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए कहा गया, क्योंकि उसका पहला ऑपरेशन वहीं हुआ था। हमने उन्हें बताया कि उस हॉस्पिटल को कोराना अस्पताल करार दिया गया है। इतना सब कहने के बाद भी किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। बता दें कि बिस्वजीत साहा अपनी रोजी-रोटी के लिए रिक्शा चलाते हैं। उनका पूरा परिवार कोलकाता एयरपोर्ट से 20 किमी दूर बामनगाछी में रहता है।

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रविवार को बच्ची ने तोड़ा दम

पिछले हफ्ते पूरे परिवार ने कोलकाता और उत्तर 24 परगना के कई अस्पतालों के चक्कर काटे ताकि बच्ची को इलाज मिल सके। परिवार वाले हर जगह भटकते रहे, लेकिन कही भी इलाज की सुविधा नहीं मिली। आखिरी में इलाज ना मिल पाने के कारण रविवार रात बच्ची की मौत हो गई। हैरानी की बात यह भी है कि 1-2 अस्पतालो ने तो दवा चलाने की सलाह देकर बच्ची के परिजनो को डिस्चार्ज सर्टिफिकेट देकर घर भेज दिया।

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