देश भर में कल भारत बंद, यहां जानिए किन-किन सेवाओं पर पड़ेगा असर
देश भर के अलग -अलग राज्यों में जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर 26 फरवरी को 1500 जगहों पर धरने का आयोजन किया जाएगा। इससे लोगों को काफी परेशानी हो सकती है।
नई दिल्ली: द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। डीजल -पेट्रोल के बढ़ते दाम पर रोक लगाने और जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने की मांग को लेकर देश भर के करीब 8 करोड़ व्यापारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहेंगे।
इस दिन सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे। सड़क परिवहन क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कैट के समर्थन में सुबह 6 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक ‘चक्का जाम’ का ऐलान किया है।
किसी भी प्रकार की माल की बुकिंग, डिलीवरी, लदाई/उतराई बंद रहेगी। सभी परिवहन कंपनियों को विरोध के लिए कल अपने वाहन पार्क करने के लिए कहा है।
देश भर के अलग अलग राज्यों में विरोध स्वरूप 1500 जगहों पर धरने का आयोजन किया जाएगा। इससे लोगों को परेशानी हो सकती है।
यहां जानें कौन-कौन संगठन हड़ताल में रहेंगे शामिल
शुक्रवार के दिन भारत बंद में देश भर के ट्रांसपोर्ट सेक्टर के अलावा बड़ी संख्या में कई राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया है, जिसमें खास तौर पर ऑल इंडिया एफएमसींज़ी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, फेडेरेशन ऑफ एलुमिनियम यूटेंसिलस मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्ज एसोसिएशन, नार्थ इंडिया स्पाईसिस ट्रेडर्स एसोसिएशन, आल इंडिया वूमेंन एंटेरप्रिनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कम्प्यूटर डीलर एसोसिएशन, आल इंडिया कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन आदि संगठन शामिल हैं।
इससे पहले 8 दिसम्बर को भी हुआ था भारत बंद का आह्वान
इससे पहले 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया था। उस वक्त कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में ये बंद बुलाया गया था।
कांग्रेस समेत 18 से ज्यादा राजनीतिक दलों ने किसानों के बंद का समर्थन किया था। किसान संगठन भारत बंद के दौरान सड़कों पर उतर आए थे।
पंजाब, बंगाल समेत कई राज्यों में ट्रेड यूनियन और किसान संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने रेल रोकी थीं। बैंक यूनियन ने भी बंद का समर्थन किया था लेकिन वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे।