शर्मनाक: मुस्लिम गर्भवती महिला को सरकारी अस्पताल में नहीं किया भर्ती, नवजात की...

राजस्थान के भरतपुर में चौंका देने वाला अमानवीय मामला सामने आया है। यहां आरोप है कि भरतपुर के सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इसलिए नहीं भर्ती किया गया कि वो मुस्लिम है। फिर गर्भवती को यहां से दूसरे अस्पताल में ले गए तो रास्ते में प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गई। इस मामले की वजह से यह सरकारी अस्पताल जांच के घेरे में है।

Update: 2020-04-04 17:09 GMT

भरतपुर राजस्थान के भरतपुर में चौंका देने वाला अमानवीय मामला सामने आया है। यहां आरोप है कि भरतपुर के सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इसलिए नहीं भर्ती किया गया कि वो मुस्लिम है। फिर गर्भवती को यहां से दूसरे अस्पताल में ले गए तो रास्ते में प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गई। इस मामले की वजह से यह सरकारी अस्पताल जांच के घेरे में है।

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पूरे मामले की जांच

भरतपुर जिला प्रशासन ने विवाद बढ़ने पर इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम बना दी है। महिला फिलहाल भरतपुर के ही जनाना अस्पताल में है। जनाना अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. रुपेंद्र झा ने बताया कि एक महिला नाजुक स्थिति में डिलीवरी के लिए आई थी।उसे जयपुर रेफर किया गया था।



महिला के पति का बयान

महिला के पति इरफान खान ने कहा कि मेरी गर्भवती पत्नी को बच्चे को जन्म देना था, उसे सीकरी से जनाना अस्तपताल रेफर किया गया था, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मुस्लिम महिला बताते हुए जयपुर रेफर कर दिया।

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मंत्री का ट्वीट

इधर, राजस्थान सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भरतपुर के सरकारी अस्पताल के ओबीएस और गायनो विभाग के एचओडी पर निशाना साधा। उन्होंने इस पूरे मामले का एक वीडियो भी ट्वीट किया है। आरोपी डॉक्टर का नाम मोनित वालिया है। मंत्री ने कहा कि इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता। ये एक सेक्युलर स्टेट है और सरकार ऐसे मामलों को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि तबलीगी जमात ने पूरे देश के लिए संकट पैदा किया, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि मुस्लिम समाज के लोगों के साथ इस तरह से बर्ताव किया जाए।

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