अनूठी जेल: रमजान में 150 हिंदू कैदी रोज 3000 मुसलमानों के लिए बना रहे भोजन

इन मुस्लिम कैदियों के लिए रात 3:00 बजे उठकर 150 हिंदू कैदी सहरी तैयार करते हैं। इस सहरी में इन कैदियों को चाय और रोटी दी जाती है। साथ ही शाम को इफ्तारी का जिम्मा भी इन हिंदू कैदियों पर है।

Update:2020-05-08 15:16 IST

भोपाल: एक तरफ जहां देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों में तबलीगी जमात के खिलाफ आक्रोश है। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। लोग इसे हिन्दुओं के खिलाफ मुसलमानों की साजिश बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।

वहीं भोपाल के सेंट्रल जेल से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसे लोग हिन्दू –मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक मान रहे हैं।

दरअसल पूरा मामला कुछ यूं हैं कि जब पूरा देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस संकम्रण के दौरान भी हिंदू-मुस्लिम कैदियों में भाईचारा कायम है।

भोपाल सेंट्रल जेल में करीब 3000 कैदी बंद है। इनमें 500 कैदी मुस्लिम हैं। इन सभी मुस्लिम कैदियों ने रमजान के चलते रोजे रखे हैं।ऐसे में जेल के अंदर 150 हिंदू कैदी, मुस्लिम कैदियों के लिए आधी रात में उठकर सहरी तैयार करते हैं। इतना ही नहीं शाम को इफ्तारी के साथ खाना भी हिंदू कैदी ही बनाते हैं।

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जेल प्रबंधन ने रखा मुस्लिम कैदियों का ख्याल

इन मुस्लिम कैदियों के लिए रात 3:00 बजे उठकर 150 हिंदू कैदी सहरी तैयार करते हैं। इस सहरी में इन कैदियों को चाय और रोटी दी जाती है। साथ ही शाम को इफ्तारी का जिम्मा भी इन हिंदू कैदियों पर है।

लॉकडाउन से पहले जेल प्रबंधन के अलावा बाहरी संस्थाओं से इफ्तारी और खाने की व्यवस्था हो जाती थी, लेकिन लॉकडाउन के बीच भी जेल प्रबंधन ने इन मुस्लिम कैदियों का पूरा ख्याल रखा है।

खाना बनाने और नमाज पढ़ने के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन किया जाता है। मुस्लिम कैदियों को खाने में दाल चावल, सब्जी और रोटी दी जाती है।

इफ्तारी में इन्हें तरबूज, मौसमी फल, खजूर और दूध दिया जाता है। इसके अलावा शाम का खाना भी हिंदू भाई अपने हाथों से बनाते हैं।

अलग से नमाज की व्यवस्था

जेल मैन्युअल के हिसाब से सभी कैदियों को खाना दिया जाता है। नमाज अदा करने के लिए अलग से व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा नमाज अदा करने के लिए भी इंतजाम किया गया है। रोजा रखने वाले कैदियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। जेल में भारी सामान पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा हुआ है।

सिमी कैदियों को छोड़कर सोशल डिस्टेंस के तहत जेल के अंदर सभी मुस्लिम कैदी नमाज अदा करते हैं। जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि रोजे के दौरान मुस्लिम कैदियों को किसी तरीके की दिक्कत ना हो, इसको लेकर पूरी व्यवस्था की गई है। साथ ही जेल के अंदर निरीक्षण के दौरान मुस्लिम कैदियों से बातचीत की जाती है। उन्हें समय पर सभी सामान उपलब्ध करा दिया जाता है।

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दो दर्जन से ज्यादा मुसलमानों ने रखा रोजा

जेल अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर सिमी कैदियों को बैरक में ही सभी सुविधा मुहैया करा दी जाती है। सेंट्रल जेल में 29 सिमी कैदी भी बंद है। इन कैदियों ने भी रोजा रखा है। जेल प्रबंधन ने इन कैदियों के लिए भी व्यवस्था की है।

जेल मैनुअल के हिसाब से सभी सामान कैदियों को दिया जा रहा है। रमजान के महीने में सभी मुस्लिम कैदियों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। उन्हें बाकी के मुस्लिम कैदियों की तरह ही सभी सुविधा दी जाती है। किसी तरीके का भेदभाव जेल के अंदर नहीं किया जाता है।

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