भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस में अपनी सेवा देने के दौरान बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगने 17 साल बाद अब इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व एडीजी (Former ADG) जेल को पांच साल की सजा सुनाई है। बता दें कि पूर्व एडीजी का नाम जेल भर्ती घोटाले ( Jail Recruitment Scam) में सामने आया था। आरोप लगा था कि एडीजी ने भर्ती को लेकर 16 लोगों से 13 लाख रूपए लिए थे। कोर्ट के सजा सुनाने के बाद आरोपी पूर्व एडीजी को भोपाल सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
17 साल बाद कोर्ट ने सुनाया पूर्व ADG जेल के खिलाफ फैसला:
पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर आज मध्य प्रदेश की एक कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, भोपाल की जिला कोर्ट ने साल 2003 में बिहार जेल भर्ती घोटाले के मामले में पूर्व एडीजी जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को पांच साल की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने आरोपी पूर्व एडीजी पर जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट का यह फैसला घोटाले के 17 साल बाद आया है।
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ये है मामला:
गौरतलब है कि साल 2003 में राजेन्द्र चतुर्वेदी जेल एडीजी थे। इस दौरान EOW को शिकायत मिली थी कि मध्य प्रदेश में जेल प्रहरी एवं लिपिक के पदों पर हुई भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ है। एडीजी जेल पर आरोप लगा कि उन्होंने 16 लोगों से 13 लाख रुपए लिए थे। जेल विभाग में कई लोगों को बिना मार्किंग और बिना योग्यता के भर्ती दे दी गई थी।
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जेल भर्ती प्रक्रिया में ली थी लाखों की घूस:
ईओडब्ल्यू में मामले की जांच शुरू करते ही कोर्ट में चार्टशीट पेश की। इस दौरान EOW की जांच में सामने आया कि चतुर्वेदी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी नौकरी देने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए लिए। उनके खिलाफ तमाम सबूत जुटाने के बाद 2006 में ईओडब्ल्यू (EOW) ने एफआईआर दर्ज की।
वहीं जब चतुर्वेदी इस भ्रष्टाचार के मामले में फंसे तो उन्होंने कई लोगों को चेक के जरिए पैसे वापस भी किए। मामले की सुनवाई करते हुए EOW की स्पेशल कोर्ट ने तमाम गवाह, बयानों और सबूतों के आधार पर राजेंद्र चतुर्वेदी को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का दोषी माना गया और 5 साल की सजा सुना दी। उन पर 8.7 लाख का जुर्माना भी लगाया है।