अरुणाचल में ब्रह्मोस की तैनाती पर बौखलाया चीन, भारत ने भी दिया करारा जवाब

Update: 2016-08-24 04:07 GMT

नई दिल्ली: भारत की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' की अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर तैनाती से चीन बौखला गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुख पत्र पीपुल्स डेली के अनुसार, चीन से लगी सीमा पर इसकी तैनाती से इलाके में स्थायित्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चीन इसे उकसावे की कार्रवाई बता रहा है।

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भारत ने क्‍या दिया जवाब

-भारत ने चीन को जवाब देते हुए कहा है कि वह हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दे।

-हम अपनी सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए मिसाइल तैनात करते हैं।

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अरुणाचल में मोदी सरकार ने दी थी नई रेजीमेंट की मंजूरी

-मोदी सरकार ने पिछले वीक भारतीय सेना को अरुणाचल में नई रेजीमेंट बनाने पर मुहर लगा दी थी।

-नइ रेजीमेंट में ब्रह्मोस के अपग्रेड वर्जन की 100 मिसाइलें शामिल होंगी।

-मोदी सरकार के इस फैसले से तिब्बत से लेकर चीन के युन्नान प्रांत ब्रह्मोस के निशान पर आ जाएंगे।

-यही कारण है कि चीन घबराया हुआ है और इसे भारत की उकसाने वाली कार्रवाई बता रहा है।

-इस नई रेजीमेंट पर करीब 4300 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

-अभी नई रेजीमेंट बनाने और ब्रह्मोस तैनात करने में एक साल का वक्त लग सकता है।

अरुणाचल पर करता है दावा

-अरुणाचल प्रदेश को चीन हमेशा अपना बताता रहता है।

-कई बार वह अपने नक्शे में भी अरुणाचल को अपने हिस्से के तौर पर दिखा चुका है।

-साल 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अरुणाचल दौरे का भी चीन ने विरोध किया था।

-पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं के अरुणाचल जाने का भी विरोध करता है।

-अरुणाचल के लोगों को अपना नागरिक मानते हुए पेपर वीजा जारी करके विवाद पैदा करता रहता है।

क्या रहता है हमारा रुख?

-भारत का कहना है कि एलएसी में पहचान चिन्ह न होने की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं।

-चीन के सैनिकों को बैनर दिखाकर उन्हें अपने इलाके में वापस जाने को कहा जाता है।

-चीन के सैनिक भी बैनर दिखाकर इलाके को अपना बताते रहते हैं।

-घुसपैठ की घटनाओं के बावजूद कभी दोनों पक्षों में संघर्ष नहीं हुआ है।

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