जल्द बड़ी घोषणा: मोदी सरकार का नौकरी वालों और कारोबारियों के लिए ऐलान
महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन के चलते देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने अब दूसरे राहत पैकेज की तैयारी कर ली है।
नई दिल्ली: महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन के चलते देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने अब दूसरे राहत पैकेज की तैयारी कर ली है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसकी घोषणा कभी भी हो सकती है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई आला अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं। इस बैठक के बाद ऐसा माना जा रहा है कि किसानों और नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ राहत की घोषणाएं केंद्र सरकार कर सकती है।
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विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठक
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले स्टेप में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐेलान किया था, जो 25 मार्च से 14 अप्रैल तक चला, जिसे आगे बढ़ाकर 3 मई कर दिया गया।
वहीं अब बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया है। देशभर में लॉकडाउन के कारण दुकानें, कारखाने, रेल, हवाई जहाज सहित सभी बंद हैं। बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन, श्रम एवं बिजली मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ पहले ही बैठकें कर चुके हैं।
देश की इकोनॉमी को जल्दी से जल्दी पटरी पर लाने को लेकर घरेलू तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी पहले ही वाणिज्य एवं एमएसएमई मंत्रालय के साथ विस्तार में चर्चा कर चुके हैं। हुई इन बैठकों में गृह मंत्री के साथ-साथ वित्त मंत्री भी मौजूद थीं।
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राहत दिए जाने की संभावना
वहीं नौकरीपेशा वाले लोगों के लिए बड़ी घोषणा हो सकती है। मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले राहत पैकेज में देश के गरीब तबके के साथ-साथ ऐसे लोगों को राहत दिए जाने की संभावना है, जिनकी नौकरी चली गई है।
इसके साथ ही टैक्स छूट और अन्य उपायों के जरिए छोटी एवं बड़ी कंपनियों को राहत दी जा सकती है। दो आला अधिकारियों ने ये जानकारी दी क्योंकि इस मुद्दे को लेकर अब भी बातचीत चल ही रही है, हो कुछ और सुधार होना अभी बाकी है।
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बीते गुरुवार को इस मुद्दे पर अलग-अलग तीन बड़ी बैठकें की हैं। पहली बैठक विदेशी निवेश और औद्योगिक विकास के मुद्दे पर हुई। इसमें विदेशी, घरेलू निवेशकों को राहत देने पर चर्चा हुई। साथ ही इसमें प्लग एंड प्ले मॉडल पर जोर दिया गया।
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समयबद्ध तरीके से जरूरी मंजूरी
पीएम मोदी की इस बैठक में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए खास स्कीम लाने पर भी विचार किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि समयबद्ध तरीके से जरूरी मंजूरी मिलनी चाहिए।
फिर दूसरी बैठक का मेन मुद्दा कोल, माइनिंग सेक्टर का विकास था। इसमें कोल, माइनिंग में निवेश बढ़ाने की रणनीति बनी। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि इंपोर्ट की जगह घरेलू कोयले का इस्तेमाल होना चाहिए। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अतिरिक्त ब्लॉक की नीलामी जल्द की जाएगी।
नीलामी की प्रक्रिया ज्यादा आकर्षक और पारदर्शी होगी। पीएम मोदी ने देश को मिनरल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर में कामकाज अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए एक्शन प्लान बनाने के लिए भी कहा।
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दूसरे राहत पैकेज ये
मिली रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार महामारी कोरोना वायरस से राहत देने के लिए अधिकतम 4.5 लाख करोड़ रुपये (60 अरब डॉलर) तक खर्च कर सकती है।
इसका कारण ये है कि केंद्र सरकार को इस बात की आशंका है कि एक सीमा से अधिक राशि खर्च करने पर उसकी सॉवरेट रेटिंग घटा दी जाएगी।
साथ ही इससे देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ेगा। वहीं वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हम पहले ही जीडीपी के 0.8 प्रतिशत के बराबर पैकेज दे चुके हैं। हमारे पास जीडीपी के 1.5%-2% के बराबर के पैकेज की और गुंजाइश है।
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