वैज्ञानिकों का बड़ा दावा: कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर हो सकती हैं ये दो दवाएं
कोरोना वायरस ने इन दिनों पूरी दुनिया को गहरे संकट में डाल रखा है और विभिन्न देशों के वैज्ञानिक इसकी दवा और वैक्सीन खोजने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने इन दिनों पूरी दुनिया को गहरे संकट में डाल रखा है और विभिन्न देशों के वैज्ञानिक इसकी दवा और वैक्सीन खोजने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इंटर डिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज (सीआईआरबीएससी) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हेपेटाइटिस सी और एचआईवी के संक्रमण को रोकने वाली दवाइयों की मदद से कोरोना वायरस भी रोका जा सकता है। वैज्ञानिकों ने इन दोनों दवाओं को कोरोना के इलाज में कारगर बताते हुए उसके क्लीनिकल ट्रायल पर जोर दिया है।
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विकल्प तलाशने की कोशिश
प्रतिष्ठित जनरल बायोसाइंस रिपोर्ट में प्रकाशित जामिया के इस शोध में यह दावा किया गया है। सीआईआरबीएससी के प्रमुख वैज्ञानिक डॉक्टर इम्तियाज हसन का कहना है कि हम शोध के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि हमने प्रयोगशाला में कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीन की जारी क्रिस्टल संरचना की मदद से दवाओं का संभावित चिकित्सीय विकल्प तलाशने की कोशिश की है।
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हेपेटाइटिस और एचआईवी की हैं दवाएं
डॉक्टर हसन के मुताबिक ग्लेकाप्रीविर और मारवीयोक दवाओं को कोरोना के मुख्य प्रोटीन के अच्छे अवरोधक के रूप में पहचाना गया है। इसलिए इन दवाओं का इस्तेमाल कोरोना वायरस के उपचार में किया जा सकता है। इनमें से ग्लेकाप्रीविर दवा का इस्तेमाल हेपेटाइटिस सी के वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है। मारवीयोक को एचआईवी संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर माना जाता है।
प्रभावी हो सकता है इलाज
डॉक्टर हसन का कहना है कि कोरोना महामारी ने इस समय पूरी दुनिया को संकट में डाल रखा है और इस महामारी से बचने के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल से तत्काल प्रभावी इलाज ढूंढने की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया को ड्रग रिप्रोजिंग कहा जाता है। डॉक्टर हसन ने कहा कि वैसे तो कोरोना के खिलाफ प्रभावी और सुरक्षित दवाओं की खोज की जा रही है, लेकिन तब तक के लिए इन दवाओं ने एक वैकल्पिक नजरिया जरूर दिया है।
कोरोना से संकट में दुनिया
कोरोना महामारी के चलते इस समय पूरी दुनिया एक बड़े संकट में फंस गई है। पूरी दुनिया में इस समय इस वायरस से साढ़े 57 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। विशेष रूप से अमेरिका में इस वायरस का सबसे ज्यादा कहर दिख रहा है जहां अभी तक करीब साढे़ 17 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। यहां कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी एक लाख के ऊपर पहुंच गया है।
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जहां तक भारत की बात है तो यहां भी डेढ़ लाख से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। भारत में अब तक करीब 44 सौ लोगों की यह वायरस जान ले चुका है। यही कारण है कि इस वायरस पर पूरी दुनिया में तरह तरह के शोध किए जा रहे हैं ताकि जल्द से जल्द इस वायरस का कारगर इलाज खोजा जा सके।
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