बड़ी खबर: सिंधिया पर हुआ जानलेवा हमला, शिवराज ने कहा...

फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता, क्योंकि 19 विधायकों द्वारा प्रस्तुत इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। उन्हें शारीरिक रूप से अध्यक्ष के सामने आना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि कांग्रेस के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक पुलिस के द्वारा बंधक बनाया हुआ है। हमारे मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बदतमीजी की जा रही है।'

Update:2020-03-14 05:09 IST

भोपाल भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। शुक्रवार को यहां उनके काफिले को रोकने का प्रयास हुआ और काले झंडे दिखाए गए। इससे नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार देर रात भोपाल के श्यामला हिल्स थाने का घेराव किया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसकी निंदा की है।

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जानलेवा हमला करने का प्रयास

देर रात शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है और अराजकता का माहौल है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया। उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की गई, उन पर पत्थर बरसाए गए। चौहान ने बताया कि बमुश्किल ड्राइवर ने वहां से अपनी गाड़ी निकाली। उन्होंने बताया कि भाजपा कार्यकर्ता सिंधिया पर हुए हमले को लेकर एफआइआर दर्ज कराने गए हैं। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष विकास वीरानी ने बताया कि सिंधिया पर हमला किया गया और गाडि़यों में भी तोड़फोड़ की गई।



काले झंडे दिखाए

बताते हैं कि कमला पार्क से गुजर रहे सिंधिया के काफिले के सामने आकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी कर काले झंडे दिखाए। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस के सुरक्षा घेरे में सिंधिया का काफिला निकाला गया। बताते हैं कि विरोध करने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के समर्थक थे। ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। उनके समर्थन में 22 विधायकों ने इस्‍तीफा दे दिया है। इसके बाद कमलनाथ सरकार पर बहुमत का संकट आ गया है।

जांच की मांग

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि सूबे में ऐसा कुछ ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हो सकता है तो इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस हद तक खराब हैं. तो यह कहना सही होगा कि सरकार ने अपना बहुमत इन्हीं सब कारणों के चलते खोया है. इसके साथ ही सिंधिया को दिखाए गए काले झंडों और उनके काफिले पर हुए पथराव को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने जांच की मांग की है.

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फ्लोर टेस्ट

इस बीच प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को नोटिस जारी कर उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के 11 विधायकों को नोटिस दिए हैं। सबसे पहले छह मंत्रियों को नोटिस दिए गए । सभी को 13 तारीख तक जवाब देना है। मध्‍य प्रदेश में 16 मार्च को भाजपा (BJP) ने बहुमत साबित करने को लेकर राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। वहीं, मध्य प्रदेश में बने राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि 19 कांग्रेस के विधायक भाजपा के कब्जे में है। फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता, क्योंकि 19 विधायकों द्वारा प्रस्तुत इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। उन्हें शारीरिक रूप से अध्यक्ष के सामने आना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि कांग्रेस के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक पुलिस के द्वारा बंधक बनाया हुआ है। हमारे मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बदतमीजी की जा रही है।'

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