बिहार: सीएम नीतीश कुमार ने की ये बड़ी घोषणा, इन्हें मिलेगा फायदा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सोमवार को कहा कि इससे हमें भयभीत होने की जरुरत नहीं है बल्कि इसको लेकर सजग रहें। अभी तक बिहार में एक भी मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला है।

Update: 2020-03-16 12:38 GMT

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सोमवार को कहा कि इससे हमें भयभीत होने की जरुरत नहीं है बल्कि इसको लेकर सजग रहें। अभी तक बिहार में एक भी मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला है। कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश ने ये बातें कहीं। सीएम नीतीश ने कहा कि कोरोना को लेकर बिहार के जिन जिलों में भी धारा 144 लागू की गई उसे हमने तत्काल हटाने का आदेश दे दिया है।

सीएम ने आगे कहा कि कुछ दिनों तक जहां तक हो सके हमें सामूहिक कार्यक्रमों से जाने से बचना होगा। वहीं सीएम ने आगे कहा कि बिहार के सभी एयरपोर्ट पर कोरोना को लेकर खास ध्यान दिया जा रहा है। बोधगया में अन्य देशों से भी लोग आते हैं,वहां जांच जरुरी है और इसका पूरा इंतजाम किया गया है।

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सरकार उठाएगी इलाज का पूरा खर्च

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से मौत होने की स्थिति पर मृतक के निकटतम संबंधी को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में किसी भी व्यक्ति के इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। कुमार ने बताया कि संक्रमण को रोकने के उपायों के तहत शिक्षण संस्थाओं, सिनेमा हॉल और सार्वजनिक पार्को को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है।

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कार्यालय परिसरों में भीड़ से बचे

नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सरकारी विभागों के समूह ग और समूह घ कर्मचारियों को एक दिन छोड़कर कार्यालय आने का निर्देश दिया गया है ताकि कार्यालय परिसरों में भीड़ से बचा जा सके।

बजट सत्र के आखिरी दिन कुमार ने कहा कि आवागमन के केंद्रों पर लोगों की गहन जांच की जा रही है। काबिले गौर है कि बजट सत्र 31 मार्च तक चलना था लेकिन कोरोना वायरस के चलते समय पूर्व ही सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का फैसला किया गया।

मुख्यमंत्री ने बताया, 'जिन लोगों में लक्षण पाए जाएंगे उन्हें सरकार के खर्च पर निर्धारित अवधि तक पृथक रखा जाएगा। संक्रमण का समय पर पता लगाने के लिए चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है और अस्पतालों में अतिरिक्त जीवन रक्षक प्रणाली और पृथक वार्ड की व्यवस्था की जा रही है।'

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