Bihar Politics: ललन सिंह ने JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा! 28 दिसंबर की बैठक में होगा फैसला

Bihar Politics: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

Update: 2023-12-26 08:38 GMT

Lalan Singh Resigns: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन की अगुवाई कर रही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के इस्तीफा देेने की अटकलें है।  बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष उनका कार्यकाल जुलाई 2023 में ही समाप्त हो गया था लेकिन इसके बावजूद वे अपने पद पर बने हुए थे।  हालांकि, अभी तक जदयू के किसी शीर्ष नेता ने इसकी पुष्टि नहीं की है, यहां तक कि ललन सिंह ने भी इसे खारिज किया है। 

मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद ललन सिंह को उन नेताओं में गिना जाता है, जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए से दूर कर वापस महागठबंधन में लाने में अहम भूमिका अदा की थी। बताया जाता है कि उन्होंने ही पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की विदाई की पटकथा भी तैयार की। उनके इस्तीफे को लेकर काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे। ये भी कहा जा रहा था कि सीएम नीतीश अब उनसे संतुष्ट नहीं हैं। 

सूत्रों की मानें तो आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार एकबार फिर से पार्टी की कमान अपने हाथ में ले सकते हैं। 29 दिसंबर को दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक है, जिसमें नीतीश कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया जा सकता है।

नीतीश-ललन सिंह के बीच बढ़ गई थी दूरी !

बिहार के सियासी हलकों में पिछले काफी समय से सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच की दूरी और ललन सिंह और लालू यादव के बीच बढ़ती नजदीकी की खबरें तैर रही हैं। जदयू में भी ललन सिंह का विरोध तेज हो गया था। पार्टी के सासंद, विधायक और पदाधिकारी – कार्यकर्ता उनके व्यवहार से खुश नहीं थे। बताया जाता है कि इन सब वजहों से नीतीश कुमार बहुत जल्द ललन सिंह का पत्ता काटना चाह रहे थे। कुमार जिस तरह से दलित नेता और मंत्री अशोक चौधरी को पार्टी में बढ़ावा दे रहे है, उससे चीजें और साफ हो गईं। बता दें कि अशोक चौधरी और ललन सिंह के बीच जदयू में छत्तीस का आंकड़ा है।

ललन सिंह के इस्तीफे पर क्या बोली बीजेपी

ललन सिंह के इस्तीफे पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनके इस्तीफे की फिलहाल आधिकारिका जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक ललन सिंह लालू और तेजस्वी के काफी करीब चले गए हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए राजद नेता की तरह व्यवहार कर रहे हैं। यह बात नीतीश कुमार को पसंद नहीं आ रही थी। उन्होंने कहा कि ललन सिंह को लग गया था कि उन्हें हटाया जाना तय है, इसलिए उन्होंने खुद ही त्यागपत्र दे दिया। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार किसी को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर पाते, आरसीपी सिंह और शरद यादव इसके उदाहरण हैं।

कौन हैं ललन सिंह ?

ललन सिंह की गिनती भी बिहार के उन राजनेताओं में होती है, जिन्हें जेपी आंदोलन का प्रोडक्ट कहा जाता है। वे जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं। इसलिए उनकी सीएम नीतीश कुमार से काफी नजदीकी रही है। वे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि, बीच में एकबार फिर दोनों के संबंधों में दरार भी आ चुकी है और ललन सिंह ने पार्टी तक को छोड़ दिया था। बाद में एकबार फिर उनकी वापसी हुई। ललन सिंह को जुलाई 2021 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें कि जिस चर्चित लैंड फॉर जॉब स्कैम में अभी लालू परिवार सीबीआई और ईडी के शिकंजे में है, उसकी शिकायत ललन सिंह ने ही यूपीए के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की थी।

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