मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में SC ने नागेश्वर राव को किया तलब
सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का आरोपी माना है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, नागेश्वर ने बिना कोर्ट की अनुमति के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का ट्रांसफर कर दिया।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का आरोपी माना है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, नागेश्वर ने बिना कोर्ट की अनुमति के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का ट्रांसफर कर दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को आदेश दिया है कि वो एके शर्मा के ट्रांसफर की फाइल से जुड़े सभी अफसरों की लिस्ट उसे सौंपें। इसके साथ ही कोर्ट ने राव सहित उन सभी अधिकारियों को 12 फरवरी को उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
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क्या हुआ कोर्ट में
कोर्ट ने पूछा कि इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी का ट्रांसफर किनके कहने पर हुआ।
सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया, एके शर्मा के ट्रांसफर में नागेश्वर राव व दो अन्य अधिकारी शामिल थे।
कोर्ट ने कहा, आप हमारे आदेश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा, इस मामले का ट्रायल बिहार से बाहर करना निष्पक्ष और स्वतंत्र ट्रायल के लिए जरूरी है।
कोर्ट ने कहा, बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता है।
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यह है मामला
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का नजदीकी बताया जाता है। इसी मामले के चलते मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई के समय बिहार पुलिस को फटकार लगाई थी।
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