सबरीमाला मंदिर: बीजेपी का आरोप, केरल में विजयन सरकार ने भड़काई हिंसा

फैली हिंसा के कारण केरल आग में जल रहा है और हिंसा की घटनाओं को लेकर अब तक 3,178 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केरल में हुई हिंसा विजयन सरकार द्वारा प्रायोजित थी। हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और मीडिया को भी निशाना बनाया था।

Update: 2019-01-05 13:28 GMT

कोच्चि: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर प्रदेश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। फैली हिंसा के कारण केरल आग में जल रहा है और हिंसा की घटनाओं को लेकर अब तक 3,178 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केरल में हुई हिंसा विजयन सरकार द्वारा प्रायोजित थी। हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और मीडिया को भी निशाना बनाया था।

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'राज्य सरकार ने भड़काई हिंसा'

शनिवार को बीजेपी ने आरोप लगाया कि केरल में सबरीमाला मंदिर के आस-पास हिंसा राज्य की एलडीएफ सरकार ने भड़काई। बीजेपी ने कहा कि मामले से संवेदनशील तरीके से निपटने की जगह राज्य सरकार ने स्थिति और बिगाड़ दी, नतीजतन कई श्रद्धालु घायल हो गए और कई लोगों की मौत हुई।

बीजेपी ने यह भी कहा कि सबरीमाला मुद्दा हिंदुओं के बारे में है, ना कि सत्तारूढ़ पार्टी के बारे में। बीजेपी ने कहा, 'यह सबकुछ सीपीएम के गुंडों ने राज्य सरकार की पूरी शह और समर्थन से किया है। आरएसएस-बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने का सीपीएम का इतिहास रहा है। लेकिन आज वे श्रद्धालुओं तक को नहीं बख्श रहे हैं।'

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'यह हिंदू समाज से जुड़ा मुद्दा है'

बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने कहा कि राज्य सरकार डीवाईएफआई, एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल कर रही है। यह सब राज्य प्रायोजित हिंसा है। दो दिन पहले एक श्रद्धालु मारा गया और हमारे एक सांसद के पुश्तैनी घर पर बम फेंका गया।' उन्होंने कहा कि सबरीमाला मंदिर में प्रदर्शन की प्रकृति राजनीतिक नहीं थी, बल्कि मंदिर की परंपरा बरकरार रखने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे थे। राव ने कहा, 'यह श्रद्धालुओं का मुद्दा है, ना कि भाजपा का मुद्दा है। यह हिंदू समाज से जुड़ा मुद्दा है।'

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आपको बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र वर्ग के महिलाओं की एंट्री की इजाजत दे दी थी। हालांकि, इस फैसले के बाद अभी तक 'प्रतिबंधित' उम्र की एक भी महिला मंदिर में अयप्पा के दर्शन नहीं कर पाई थीं। बुधवार को कनकदुर्गा और बिंदू ने दावा किया कि वे अयप्पा के दर्शन करने में सफल रही थीं। इस खबर के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

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