BJP Election Plan: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर BJP का चुनावी मंथन, PM मोदी की मौजूदगी में बनी रणनीति
BJP Election Committee: केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई बैठक में दोनों राज्यों की चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई।
BJP Election Committee: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने गहराई से मंथन शुरू कर दिया है। दोनों राज्यों में चुनाव की तारीखों ऐलान के पहले ही पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति सक्रिय हो गई है। केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई बैठक में दोनों राज्यों की चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई।
दोनों राज्यों में जीत हासिल करने के लिए उम्मीदवारों के नामों पर मंथन भी किया गया। दोनों राज्यों की सीटों को चार श्रेणियों में बांटकर चुनावी रणनीति बनाने का फैसला किया गया है। इस बैठक के दौरान दोनों राज्यों के नेताओं से फीडबैक भी लिया गया। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में मिली हार के बाद भाजपा इन दोनों राज्यों में विशेष सतर्कता बरत रही है।
तारीखों के ऐलान से पहले पहली बार बैठक
भाजपा में आमतौर पर चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुआ करती है मगर यह पहला मौका है जब चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दोनों राज्यों की चुनावी रणनीति पर मंथन किया गया है।
भाजपा मुख्यालय में पीएम मोदी की मौजूदगी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पार्टी नेताओं से विभिन्न सीटों की स्थिति के बारे में जानकारी ली गई। दोनों राज्यों के नेताओं को विभिन्न सीटों के बारे में इनपुट लेकर आने का निर्देश दिया गया था।
सीटों को चार श्रेणियों में बांटकर तैयारी
दोनों राज्यों की सीटों को चार श्रेणियां में बांटकर चुनावी रणनीति पर अमल करने की तैयारी है। इसके लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से ए,बी,सी और डी चार श्रेणियां बनाई गई हैं। ए कैटेगरी का मतलब है जहां पार्टी को अक्सर जीत मिलती रही है। बी कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी उम्मीदवार कभी हारे और कभी जीते हैं। सी कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जिन्हें पार्टी दो बार से ज्यादा हारी है। डी कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर बीजेपी कभी नहीं जीती है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर मंथन भी किया गया। वैसे अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से इन दोनों राज्यों में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कब तक किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में बी और डी कैटेगरी वाली 27 सीटों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
कमजोर सीटों पर पार्टी का विशेष फोकस
छत्तीसगढ़ में मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस ने राज्य की सत्ता को बरकरार रखने के लिए जोरदार अभियान छेड़ रखा है। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में दलबदल के बाद बनी शिवराज सिंह चौहान को सत्ता से बेदखल करने के लिए जोरदार तरीके से जुटी हुई है। यही कारण है कि भाजपा अब इन दोनों राज्यों को लेकर पहले से ही चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई है।
पार्टी की ओर से कमजोर सीटों पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। लोकसभा की कमजोर सीटों पर तैयारी एक साल पहले ही शुरू की जा चुकी है और अब उसी फार्मूले को विधानसभा चुनावों के दौरान भी लागू करने की तैयारी है।
छत्तीसगढ़ को लेकर किए गए मंथन में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नवीन ने भी हिस्सा लिया। मध्य प्रदेश को लेकर किए गए मंथन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इन दोनों राज्यों के नेताओं को चुनावी तैयारी के संबंध में उचित दिशा निर्देश भी दिया गया है।